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News24
भिंड: मध्य प्रदेश के भिण्ड जिले में मिलावट माफिया दूध के नाम पर लोगों को जहर परोस रहे हैं। शनिवार देर शाम भिंड साइबर पुलिस ने एक ऐसी ही डेयरी पर तैयार हो रही भारी मात्रा में अमानक और मिलावटी दुग्ध सामग्री पर छापामार कार्रवाई की। जबकि बाद में सैम्पल की कार्रवाई करने पहुंची खाद्य सुरक्षा विभाग को टीम इस कार्रवाई पर लीपा-पोती करती नजर आयी।
जानकारी के मुताबिक भिंड जिला मुख्यालय से करीब 7 किलोमीटर दूर ग्राम चंदुपुरा में साइबर सेल की टीम ने मुखबिर की सूचना पर गोपाल डेयरी पर छापा मारा। मौके पर साइबर और देहात पुलिस की टीम को भारी गंदगी के बीच तैयार की जा रही मिलावटी दुग्ध सामग्री मिली। डेयरी की तलाशी लेने पर टीम को मौके से करीब 500 लीटर दूध, 400 किलो सड़ी हुई क्रीम जिसमें गंदगी और मक्खियां भी पड़ी हुई थीं। करीब 25 किलो पनीर, एक क्विंटल मावा, 30 से 40 किलो घी, करीब 25 पैकेट स्किम्ड मिल्क पाउडर और नक़ली दूध तैयार करने के लिए पॉमऑल और डिटेरजेंट भी मौके पर मिले जिनकी तस्वीरें भी कैमरे में रिकोर्ड की गयीं।
साइबर सेल द्वारा आगे की कार्रवाई के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को सूचित किया गया जिस पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी रेखा सोनी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंची। लेकिन संदेहास्पद स्थिति बनाते हुए उन्होंने सिर्फ़ मौके से मावा के सैम्पल लिए और छापे की कार्रवाई पर बट्टा लगाते हुए वापस जाने लगी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस तरह की स्थिति देख साइबर सेल प्रभारी शिव प्रताप सिंह ने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर सतीश कुमार को मामले से अवगत कराया, जिसके बाद जाकर उन्होंने मौके से दूध, पनीर, क्रीम और अन्य सामग्री की सैंपलिंग देर रात तक की। बताया जा रहा है कि भिण्ड कलेक्टर द्वारा खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम को मौके पर मिली। सभी अमानक सामग्री को नष्ट करने के निर्देश दिए थे। लेकिन कार्रवाई करने गयी खाद्यसुरक्षा अधिकारी रेखा सोनी ने किसी वजह से कलेक्टर के निर्देशों को दरकिनार करते हुए सिर्फ़ किसी तरह का तरल पदार्थ ही नष्ट कराया जो देखने में महज़ पानी नज़र आ रहा था।
पूरी कार्रवाई के सम्बंध में जब उनसे जानकारी ली गयी तो उन्होंने मौके से बरामद सामग्री में 57 किलो सामग्री नष्ट कराया जाना बताया और बाकी सामग्री का कोई ज़िक्र नहीं किया। कागजी कार्रवाई में भी फ़ूड सेफ़्टी टीम ने लीपा पोती की है। उन्होंने एक क्विंटल की जगह सिर्फ़ 36 किलो मावा दर्शाया है, वहीं 400 किलो क्रीम की जगह महज़ 160 किलो बतायी। स्किम्ड मिल्क पाउडर की संख्या भी 30 की जगह सिर्फ़ 12 पैकेट दर्शाए हैं। वहीं पनीर 25 किलो पाया गया था जिसे 9 किलो बताते हुए नष्ट कराया जाना बताया इतना ही नहीं उसकी ज़ब्ती भी नहीं दिखायी गयी।
वहीं मौके पर तैयार किया जा रहा गंदगी से भरे और अमानक घी की कार्रवाई में कहीं नामोंनिशान नहीं है। सवाल पूछने पर भी अधिकारी रेखा सोनी ने किसी तरह के केमिकल ना मिलने की बात कही जबकि मौक़े पर कपड़े धोने का डिटेरजेंट भी मिला था। मिलावटी सामग्री के अलावा डेयरी संचालक गोपाल शर्मा द्वारा मौक़े पर लाइसेन्स भी उपलब्ध नहीं कराया जा सका। हालांकि सूत्रों ने यह भी बताया कि कार्रवाई करने साथ आयीं अन्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी रीना बंसल और डेयरी संचालक के बीच लाइसेन्स के सम्बंध में फोन पर बातचीत हुई।
आरोपी गोपाल शर्मा ने अपने फोन से रीना बंसल की बात मौके पर मौजूद उनकी सहयोगी साथी रेखा सोनी से कराने का प्रयास किया और बाद में उन्होंने अपने मोबाइल से रीना बंसल से बात की जिसके बाद पूरी कार्रवाई महज दिखावटी नजर आयी। अब इस मामले में मिलावट के खेल में खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई पर सवालिया निशान और मिलीभगत के आरोप भी लग रहे हैं। इससे पूर्व भी इन अधिकारियों पर कई बार गम्भीर आरोप हैं, बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहींं हुई है और मिलावट माफिया लगातार लोगों के स्वास्थ्य और जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
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