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बड़वानी: मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में शासकीय भवनों में रह रहे डूब प्रभावितों को प्रशासन ने नोटिस थमा दिया है। प्रशासन का कहना है कि कहा भवनों को जल्द खाली किया जाए नहीं तो हटा दिया जाएगा। वहीं इस कार्रवाई पर नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने सरकार व प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षों के संघर्ष के बाद भी डूब प्रभावित आज भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं।
दरअसल, जिला मुख्यालय से लगे डूब क्षेत्र बिजासन व अमलाली में आज भी विस्थापित शासकीय भवनों में रह रहे हैं, जिनको प्रशासन ने भवन खाली करने के लिए नोटिस जारी कर दिए। वहीं नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने सरकार व प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्षों के संघर्ष के बाद भी डूब प्रभावित आज भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसी को मुआवजा नहीं मिला तो किसी को प्लॉट नहीं मिला। किसी को खेती नहीं दी तो किसी को अतिरिक्त मिलने वाला लाभ नहीं मिला। प्रशासन ने जिनके रहने की व्यवस्था नहीं थी उन्हें खुद शासकीय भवनों में रहने को छत दी और अब ऐसी चिल चिलाती धूप में उन्हें भवन खाली करने के नोटिस थमा दिए, अब ऐसे में ये लोग कहां जाएंगे।
नेत्री ने आगे कहा कि आकहा की मध्यप्रदेश में पुनर्वास की प्रक्रिया पूरी तरह ठप्प पड़ी हुई है, ऐसे में लोगों को न्याय कैसे मिलेगा। हालांकि कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने मेधा पाटकर के सवाल को लेकर कहा कि डूब प्रभावितों को जो मुआवजा मिलना था वो उनको मिल गया है साथ ही उन्होंने कहा कि शासकीय भवनों पर कब्जा करने का अधिकार किसी को नहीं है। जिन -जिन ने भी शासकीय भवनों पर कब्जा किया है उनसे भवन खाली करवाया जाएगा।
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