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News24
शहडोल: मध्य्प्रदेश में एक ओर जहां शराब दुकान को लेकर राजनीति गरमाई है। पूर्व मुख्यमंत्री शराब बंदी को लेकर मुखर हैं तो वहीं दूसरी ओर मध्य्प्रदेश के शहडोल जिले में खुलेआम शराब की होम डिलेवरी की जा रही है। किराना समान की तरह बाईक पर लोगों की डिमांड पर घर-घर देशी-विदेशी शराब पहुंचाई जा रही है। शराब की होम डिलवरी पर विधायक एवं भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश मंत्री मनीषा ने आपत्ति जताते हुए यदि इसे नहीं रोक गया तो जरूरत पड़ने पर विधानसभा के भी इस मुद्दे को उठाने की बड़ी बात कही।
आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले के अलग-अलग हिस्से में कई शराब ठेकेदारों ने शराब का ठेका ले रखा है और सुबह होते ही नियम विरुद्ध बाइक में शराब या अन्य वाहनों में लोडकर लोगों के घर-घर शराब पहुंचा रहे हैं। जिला मुख्यालय समेत जिले के बुढ़ार व्रत अंतर्गत बुढ़ार, धनपुरी, बुढार, अमलाई में शराब ठेकेदार द्वारा देशी शराब दुकान से नियमविरुद्ध अंग्रेजी शराब की बिक्री की जा रही है। इतना ही नहीं ठेकेदार के इशारे पर उनके कर्मचारियों द्वारा खुलेआम बाइक में घर-घर शराब पहुंचा रहे हैं। वहीं जिले में नियमविरुद्ध कई पैकरी संचालित है। शराब दुकान के अलावा गली-गली किराना दुकानों में शराब की बिक्री की जा रही है, जिससे युवा वर्ग इसकी गिरफ्त में है। इसी बात को लेकर कुछ युवाओं ने इसका जमकर विरोध करते हुए जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से शराब की होम डिलीवरी पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही उग्र आंदोलन की चेतवानी भी दी है ।
वहीं इस पूरे मामले में जैतपुर विधानसभा क्षेत्र की विधायक एवं भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश मंत्री मनीषा सिंह ने जिले में खुलेआम शराब की होम डिलिवरी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे लोग प्रभावित हो रहे हैं। कलेक्टर के संज्ञान में लाकर इस पर रोक लगाई जाएगी, यदि यह मामला हमारे प्रयास से नहीं सुलझेगा तो विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया जाएगा।
बाइक से घर-घर शराब पहुंचा रहे शराब ठेकेदार के कर्मचारियों का कहना कि वे ठेकेदार के कहने पर घर-घर बाइक में शराब पहुंचाई जा रही है, इसमें उनका कोई दोष नहीं है। वही इस पूरे मामले में जिला आबकारी अधिकारी सतीश कश्यप व आबकारी व्रत बुढ़ार उप निरीक्षक सुनील सिंह चंदेल कुछ भी कहने से बचते नजर आए ,या यूं कहें कि उनकी कमी उजागर होने के बाद से मीडिया के सामने आने से कतरा रहे हैं।
कहने को तो जिले में आबकारी विभाग सबसे एक्टिव हैं और लगातार आदिवासी गरीबों के घरों में छापा मारकर कच्ची शराब की कार्रवाई कर वाहवाही लूट रही है, जबकि इन आदिवसियों को सीमित मात्रा में शराब बनाने के सरकार ने छूट दे रखी है। लेकिन वहीं अंग्रेजी शराब ठेकेदारों द्वारा खुलेआम गली-गली बाइक से घर-घर शराब पहुंचाई जा रही है तो इन पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। अब यह देखना होगा कि शराब ठेकेदारों की यह करतूत उजागर होने के बाद आबकारी विभाग इन पर कार्रवाई कर इसे रोकने में सफल रहती है या फिर इन्हें अभयदान दे गरीब आदिवासियों के खिलाफ कार्रवाई कर अपना कोरम पूरा करेंगे?
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