नागपुर (15 अप्रैल): जेएनयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने नागपुर की सभा में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश बांटने और भारत से पाकिस्तान को अलग करने की बात सबसे पहले वीर सावरकर ने की थी न कि मोहम्मद अली जिन्ना ने। कन्हैया यहीं नहीं रुके, उन्होंने आरएसएस और भाजपा को हिटलर के बाराती की संज्ञा भी दे डाली।
उन्होंने कहा कि देश को मोदी से, संसद को आरएसएस से और संविधान को मनुस्मृति से बदले जाने के खिलाफ वे लड़ाई लड़ते रहेंगे। इस बीच जब पत्रकारों ने कांग्रेस द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पर सवाल किया तो उन्होंने कहा, ''मैंने किसी को बुलाने के लिए नहीं कहा। यह देश संविधान से चलेगा या मनुस्मृति से इस सवाल पर लोकतंत्र में हमें एक लाइन खींचनी होगी। जो लोग संविधान के पक्ष में हैं वे एक तरफ आना होगा। मेरे भाषण में मैंने लोकतंत्र को लेकर मौजूद खतरे पर ही चर्चा की। जहां तक साम्प्रदायिकता की बात है तो हमें इतिहास में जाना होगा जहां से इसकी शुरुआत हुई। दो देशों की धारणा की नींव रखने वाले सावरकर थे न कि मोहम्मद अली जिन्ना।’'
कन्हैया पर जूता फेंके जाने पर उन्होंने कहा कि, ’जब मैं जेल से नहीं घबराया तो जूते से कोई असर नहीं पड़ेगा। अगर आप हिंदुत्व के सच्चे सिपहसालार हैं तो आप हिंसा क्यों कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि नागपुर का संबंध अंबेडकर से न कि गोलवलकर से, ठीक वैसे ही जैसे गुजरात का संबंध गांधी से न कि मोदी से। इस शहर में फुल दिमाग वाले लोग रहते हैं न कि हाफ वाल पैंट वाले।’ वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या आपके पास आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के महिलाओं के घरों में ही रहने के बयान का सबूत है तो कन्हैया बगले झांकते दिखे।