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REET 2021: रीट परीक्षा आयोजित होने के साथ ही पेपर लीक मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था, लेकिन उस वक्त जांच एसओजी को देकर मामले को थोड़े समय के लिए दबा दिया गया। उस वक्त रीट अभ्यर्थियों के साथ आंदोलन में उपेन यादव और सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी शामिल हुए। लेकिन उस वक्त सरकार के मंत्री सबूत मांग रहे थे, जो पुख्ता नहीं थे। लेकिन अब एसओजी ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस बात की पुष्टि कर दी है कि रीट पेपर लीक हुआ था।
शिक्षा संकुल से लीक हुआ था रीट पेपर
जयपुर शिक्षा संकुल से ही रीट पेपर लीक हुआ था। पेपर की सुरक्षा व बंटवाने वाली जिला कॉडिनेटर की टीम में शामिल मेंबर ने ही 24 सितम्बर रात 8 बजे रीट पेपर चुराकर 2 करोड़ रुपए से बेचा था। पेपर खरीदने वाले गिरोह ने 1.22 करोड़ रुपए दे भी दिए थे। इस मामले में स्कूल-कॉलेज संचालक सहित दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। एसओजी-एटीएस के एडीजी अशोक राठौड़ ने बुधवार को प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि जगन्नाथपुरी निवासी रामकृपाल मीणा और जालोर के रणोदर स्थित चितलवाना निवासी उदयराम विश्नोई को गिरफ्तार किया है।
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सांसद किरोड़ी मीणा ने की सीबीआई जांच की मांग
रीट अभ्यर्थियों के साथ पेपर लीक मामले में आंदोलन से जुड़े सांसद किरोड़ी लाल मीणा का कहना है कि जांच अब सीबीआई से होनी चाहिए। पेपर लीक होने की पुष्टि तो एसओजी ने कर दी, लेकिन अब सीबीआई जाँच होने से यह भी पता चलेगा कि कितने नेता और मंत्रियों के रिश्तेदार इसमें शामिल हैं। पेपर जिन उम्मीदवारों तक पहुंचा है, उनकी उम्मीदवारी को भी रद्द किया जाए। किरोड़ी मीणा का मानना है कि REET पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड अभी भी SOG की पकड़ से से दूर है। सरकार के इशारे पर SOG मास्टरमाइंड को पकड़ने से बच रही है। इसी वजह से सरकार मामले की CBI जांच नहीं करवा रही है।
शिक्षा मंत्री के पास नहीं पहुंची जांच रिपोर्ट
राजस्थान के शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला का कहना है कि जांच उनके पास नहीं पहुंची है। और मुझे लगता है कि परीक्षा में ऐसी कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। ऐसे में रीट पेपर लीक की जांच अभी सीबीआई से नहीं करवाई जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जो युवा मांग कर रहे हैं कि पदों की संख्या को बढ़ाकर 50 हजार किया जाए, उन्हें मैं बता दूं कि यह काम शिक्षा विभाग का नहीं है। क्योंकि यह राजस्थान सरकार को तय करना है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने सीएम को लिखा पत्र
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। पत्र के जरिए रीट पेपर लीक की जांच सीबीआई से करवाने का आग्रह किया है। सतीश पुनिया ने पत्र में लिखा कि रीट परीक्षा से पहले पेपर बाहर आना, डमी अभ्यर्थियों का परीक्षा में शामिल होने और धांधली के चलते प्रदेश के लाखों युवाओं के सपने के साथ धोखा हुआ है। पुनिया ने कहा कि "समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के अनुसार भजनलाल ने रीट का पेपर पृथ्वीराज के माध्यम से भेजा एवं 40 लाख रूपए में बेचा और बाड़मेर व जालौर में भी रीट का पेपर बेचने की बात सामने आई है। वहीं गंगापुरसिटी में परीक्षा केंद्र से रीट का पेपर लीक होने के बाद बत्तीलाल मीणा की गिरफ़्तारी हुई तब भजनलाल का नाम सामने आया"।
रद्द नहीं हो रीट, पदों की संख्या में की जाए वृद्धि
रीट परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवारों का कहना है की यह परीक्षा रद्द नहीं होनी चाहिए। लेकिन जिन उम्मीदवारों के पास यह पेपर परीक्षा से पहले पहुंच गया था, उनकी उम्मीदवारी को निरस्त कर दिया जाए। साथ ही उम्मीदवार यह भी चाहते हैं की पदों की संख्या में वृद्धि करके 50 हजार किया जाए। परीक्षा रद्द होने से हजारों युवाओं का मनोबल टूटेगा, क्योंकी कई वर्षों से इस परीक्षा की वे तैयारी कर रहे हैं।
9 फरवरी को विधानसभा घेराव
राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ ने रीट पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग उठाई है। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि सरकार विधानसभा सत्र में प्रतियोगी भर्ती परीक्षाओं के लिए गैरजमानती कानून के लिए अध्यादेश लाए, जिसमें पेपरलीक नकल,फर्जीवाड़े में लिप्त अपराधियों की संपत्ति जप्त करने के साथ उम्र कैद की सजा का प्रावधान भी होना चाहिए l
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