नई दिल्ली: राजस्थान में 31 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती के लिए सरकार ने अहम निर्णय लिया है। सरकार की ओर से रीट पात्रता के लिए अलग अलग श्रेणियों के अभ्यर्थियों के लिए राहत दी गई है। सरल अर्थ में विभिन्न कैटेगरीज के अभ्यर्थियों को क्वालिफाई करने के लिए अलग अलग प्रतिशत अंक लाना जरूरी होगा।
पहले सभी कैटेगरीज के छात्रों को 60 प्रतिशत अंक लाना जरूरी था। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के उपेन यादव ने बताया, शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, सामान्य अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को नॉन टीएसपी और टीएसपी में न्यूनतम उत्तीर्णांक 60 प्रतिशत किया गया है।
वहीं, एसटी कैटेगरी के लिए नॉन टीएसपी में 55 और टीएसपी में 36 प्रतिशत अंक रखे गए हैं। एससी, ओबीसी, एमबीसी और ईडब्ल्यूएस के लिए टीएसपी व नॉन टीएसपी में 55, विधवा, परितक्त्या और भूतपूर्व सैनिक के लिए 50, दिव्यांगजन के लिए 40 और सहरिया जनजाति के लिए 36 प्रतिशत न्यूनतम उत्तीर्णांक रखे गए हैं। रीट के प्रमाणपत्र की वैधता 3 वर्ष रहेगी।
वेटेज पर स्थिति साफ नहीं
हालांकि अभी तक सलेक्शन का आधार स्पष्ट नहीं है। अभी तक 60 प्रतिशत परीक्षा के अंकों और 40 प्रतिशत स्नातक के अंकों के आधार पर सलेक्शन होता आया है, लेकिन बेरोजगार स्नातक के अंकों का वेटेज कम करने की मांग कर रहे हैं। उपेन यादव का कहना है कि कई यूनिवर्सिटीज फर्जी डिग्री बांट देती हैं या फिर प्राइवेट विवि उच्चतम अंक प्रदान कर देते हैं, इससे मेहनत करने वाले अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव हो जाता है। ऐसे में इसे 10 से 20 प्रतिशत ही करने की मांग कर रहे हैं।
राजस्थान के शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि रीट परीक्षा को लेकर सरकार आचार संहिता हटते ही प्राथमिकता से काम कर रही है। इस हेतु आज विभिन्न श्रेणियों हेतु न्यूनतम अर्हक अंकों में रियायत देने और इस परीक्षा हेतु माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को नोडल एजेंसी बनाने संबंधी आदेश जारी किया गया है। बहुत जल्द रीट परीक्षा तिथि को लेकर ऐलान होगा।
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