विशाल एंग्रीश चंडीगढ़: यूथ अकाली दल ने गुरुवार को किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान यूथ अकाली दल ने कहा कि केंद्र सरकार आंदोलनकारी किसानों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के जरिए डराना चाहती है, जबकि किसान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं। यूथ अकाली दल के अध्यक्ष सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने बठिंडा में आंदोलन का नेतृत्व करते हुए कहा कि पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह दोनों को इतिहास से सबक सीखना चाहिए।
पंजाबियों ने हमेशा दमनकारी नीतियों का विरोध किया है। बीजेपी सरकार शांतिपूर्ण आंदोलन को जितना दबाने का प्रयास करेगी उतना ही पंजाबी उत्साह से भाग लेंगे। सरदार परमबंस सिंह रोमाणा ने एनआईए द्वारा किसान आंदोलन में मदद करने वाले सभी लोगों को हाल ही में भेजे गए नोटिसों की निंदा की है।
उन्होने कहा कि यह परिवहन, लंगर यां वित्तीय सहायता द्वारा मदद करने वाले हर किसी को निशाना बनाया जा रहा है। यह एनआईए के उन जनादेश के खिलाफ है, जो आंतकी संपर्कों की जांच के लिए बनाया गया था।
यूथ अकाली दल के अध्यक्ष ने कहा कि यह सब इसीलिए हो रहा है क्योंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार अमित शाह से सीधे आदेश से उनकी बजाई धुनों पर नाच रहे हैं। यही कारण है कि पंजाब पुलिस किसान गीत के लेखक श्री बराड़ को निशाना बनाया, जिन गायकों को प्रवर्तन निदेशालय ने नोटिस दिया हुआ है उनके खिलाफ कुछ भी नहीं किया।
उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार के स्कूल और कॉलेज खोलने के फैसले का मकसद किसान आंदोलन को कमजोर करना था, क्योंकि इस तरह के कदम से कई किसानों को राज्य में अपने घर वापस लौटने पर मजबूर होना पड़ेगा। सरदार रोमाणा ने कहा कि लोकतंत्र में अंहकार तथा घमंड का कोई स्थान नही होता। केंद्र सरकार को किसानों की आवाज सुननी चाहिए। तीनों किसान विरोधी कानूनों को भी रद्द करना चाहिए।
केंद्र ने स्वीकार किया है कि उन्हे निलंबित करने के लिए सहमत होकर वे गलत हैं। इसे अब झूठे अहंकार में लिप्त नहीं होना चाहिए। कानूनों को तुरंत रदद करना चाहिए यां किसान संगठन के साथ मिलकर इस मुददे पर शिरोमणी अकाली दल द्वारा किसान संगठन के साथ मिलकर आंदोलन के शिखर के लिए तैयार रहना चाहिए।
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