दीपक दुबे, मुंबई: मुम्बई से सटे पालघर इलाके में जली अवस्था में मिली नौसेना अधिकारी सूरज दुबे के निर्मम हत्याकांड की जांच के लिए पालघर पुलिस ने कुल 8 टीमों का गठन किया है जो देश के अलग-अलग राज्यों व शहरों में सूरज के कातिलों व हत्याकांड की मुख्य वजह की तलाश में जुटी हुई है। गौरतलब है कि सूरज का किडनैप करने वालों ने 10 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी। पैसे न मिलने पर चेन्नई से अगवा किए सूरज को पालघर के जंगल में ले जाकर जिंदा जला दिया।
जहां अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस हत्याकांड के बाद सबसे बड़ा सवाल ये खड़ा होता है कि क्यों सूरज की हत्या को अंजाम दिया गया? क्या महज फिरौती न मिलने की वजह से अपहरणकर्ताओं ने जिंदा जला दिया या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है? पुलिस के साथ साथ नेवी भी इस निर्मम हत्या की जांच कर रही है। पुलिस की 8 टीमें सूरज हत्याकांड की जांच में जुटी हैं।
पालघर पुलिस की पहली टीम चेन्नई गई हुई है। जहां पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि एयरपोर्ट पर अगर सूरज को किडनैप किया गया तो आखिर कितने लोग थे और वो लोग कौन थे। पुलिस एयरपोर्ट पर लगे सभी सीसीटीवी की जांच में जुटी हुई है। सूरज एयरपोर्ट से कितने बजे निकला? क्या वह किसी को जनता था और किडनैपर ने उसे कहां से किडनैप किया? पुलिस को अपनी शुरुआती तफ्तीश में पता चला है कि सूरज के दो बैंक अकाउंट थे, जिसमें से एक अकाउंट से चेन्नई एयरपोर्ट से 5000 हजार रुपये एटीएम से निकाले गए तो आखिर ये पैसे सूरज ने निकाले या किसी और ने ?
दूसरी टीम-
पुलिस की दूसरी टीम सूरज के रांची स्थित गांव पहुचीं है। सूरज के परिवारजन व ग्रामीणों, दोस्तों से पूछताछ करेगी कि सूरज जब छुट्टी के लिए गांव में था तो क्या उसका किसी आपसी रंजिश में किसी से विवाद हुआ था क्या?
तीसरी टीम-
पुलिस की एक टीम कोयम्बटूर बेस पहुचीं है जहां सूरज के दोस्तों और सहकर्मी से पूछताछ करेगी
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सूरज कोयम्बटूर के समीप आईएनएस अग्रणी पर तैनात था। 2001 में सूरज के पहलीं पोस्टिंग बतौर सिबिंग सीमेन पोस्ट से हुई है।
सूरज के पास तीन मोबाइल फोन,हत्या से पहले 2 मोबाइल फोन बंद एक था चालू,घर वालों को सूरज के तीसरे मोबाइल के बारे में नहीं पता।
पुलिस अधीक्षक ने ये भी बताया कि सूरज दुबे के पास तीन मोबाइल नंबर थे। जिनमे से एक नंबर के बारे में उनके घर वालो को भी जानकारी नहीं थी। चेन्नई से 1500 किमी दूर पालघर तक सूरज को कैसे लाया गया इस बात की जांच के लिए रास्ते में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है अब तक की जांच में सामने आया है कि सूरज कुमार ने शेयर खरीदने के लिए करीब 8 लाख रुपये का कर्ज ले रखा था और 5 लाख 75 हजार रुपये का कर्ज सूरज ने अपने एक सहयोगी से लिया था।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि सूरज के पास तीन मोबाइल थे। जिसमें से दो मोबाइल फोन के बारे में ही परिवार वालों को जानकारी थी। जबकि तीसरा फोन 23 जनवरी को खरीदा गया। सूरज इसका इस्तेमाल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए करता था। सूरज के दो अन्य फोन किडनैपिंग के फौरन बाद बन्द हो गए। जबकि तीसरा फोन फरवरी को स्विच ऑफ हुआ है। पुलिस हर बारीकी से इस केस की जांच में जुटी हुई है जिससे कि कोई बड़ा क्लू हाथ लग सके। पुलिस अब यह जानना चाहती है कि 30 जनवरी को जब सूरज का अपहरण हुआ और 1 फरवरी तक तीसरा मोबाइल फोन बंद होने से पहले तक कहां कहां ट्रेवल किया गया। जिससे कि सूरज के हर एक एक लोकेशन की सही जानकारी मिल सके।
पुलिस को जांच के दौरान यह भी सोचने के लिए मजबूर कर रहा है कि सूरज को आखिर कैसे पता कि अपहरणकर्ता उसे 1396 किलोमीटर दूर से लेकर उसे जंगल तक आये उस वक्त 9 बज रहे थे। ऐसे में सवाल ये की सूरज के आंखों में पट्टी बंधी थी जबकि उसके हाथ में घड़ी भी नहीं।
क्या ड्राइवर के साथ कुल तीन लोग थे अगवा करने में?
नौसेना अधिकारी सूरज हत्याकांड कि जांच के दौरान कई ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब पुलिस तलाशने में जुटी हुई है। सबसे अहम सवाल ये कि अगर किडनैपर्स ने सूरज के दो मोबाइल स्विच ऑफ किए तो तीसरा मोबाइल फोन कैसे नहीं किया ? वहीं दूसरा अहम सवाल है कि कौन है इरफान, क्योंकि जब आरोपी एक दूसरे से बात कर रहे थे तो सूरज ने इरफान नाम इस बातचीत के दौरान सुना था।
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