नई दिल्ली: आए दिन देश के अलग-अलग एयरपोर्ट पर दुबई से आने वाली फ्लाइट्स में सोना तस्करी के मामले सामने आते हैं। तस्कर एक से बढ़कर एक जुगाड़ करके सोने की तस्करी करते हैं और कस्टम उन्हें पकड़े के लिए 'तुम डाल-डाल तो मैं पात-पात' की तर्ज पर काम करता है।
चूंकि दुबई में सोना काफी सस्ता है। देश में जहां 10 ग्राम सोने का भाव 44 हजार से भी ऊपर है वहीं दुबई में ये 3-4 हजार रुपए तक सस्ता पड़ता है। साथ ही वहां से लाने पर 7.5% इंपोर्ट डयूटी लगती है। यानी सोने के एक ग्राम पर करीब साढ़े तीन सौ रुपए तक लगता है। यही बचाने और सस्ते सोने को देश के बाजार में लाकर इम्पोर्ट ड्यूटी पर सोने के भाव में अंतर का पैसा तस्करों को मिल जाता है।
ऐसे समझिए तस्करी क्यों होती है?
यानी कोई तस्कर यादि 400 ग्राम सोना लाता है तो दुबई में उसका बाजार भाव 1672400 रुपए होगा। वहीं भारत में इस 24 कैरेट सोने का भाव 18 लाख 8 हजार है। वहीं दुबई से लाए गए 1672400 के सोने पर सवा लाख से ज्यादा का इम्पोर्ट ड्यूटी की बचत होती है। इसलिए तस्कर इसे चोरी-छिपे ले आकर भारतीय बाजारों में बेचते हैं।
ये है दुबई से सोना लाने के नियम:
एयरपोर्ट पर मुस्तैद कस्टम विभाग के अधिकारी चेकिंग के दौरान उन लोगों को छोड़ देते हैं जिनके पास नियम के मुताबिक गोल्ड होता है। नियम के मुताबिक यदि को पुरूष यात्री 1 साल से विदेश या दुबई में रह रहा है और वो अपने साथ 50 हजार रुपए तक के आभूषण लेकर आ रहा है तो उसे रोका नहीं जाएगा।
महिलाओं के लिए ये है छूट:
वहीं किसी महिला को आभूषण लाना हो तो उसके लिए शर्त है कि वो 1 साल से विदेश में रह रही हो और अभूषण ला रही है तो उसकी सीमा 1 लाख रुपए तक के अभूषण की होगी। ऐसे यात्रियों को कस्टम ड्यूटी नहीं चुकानी पड़ती है। यदि सोना ज्वैलरी के रूप में न होकर बिस्किट या ईंट के रूप में होगा तो उसपर 10 फीसदी ड्यूटी चुकानी होगी।
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