के जे श्रीवत्सन, जयपुर: जिन वेंटीलेटर्स पर लोगों की जान बचाने की बड़ी जिम्मेदारी थी, कोरोना की दूसरी लहर आने के साथ ही वे खुद भी बीमार हो गए। मामला राजस्थान के जोधपुर का है। जहां पीएम केयर फंड से खरीदे गए करोड़ों के 100 से भी ज्यादा वेंटीलेटर्स चंद महीनों में ही खराब हो गए हैं। जिसे लेकर अब बड़ा सवाल उठाने लगा है कि क्या ये घटिया क्वालिटी के वेंटीलेटर्स थे या इनके रखरखाव को लेकर कोई बड़ी लापरवाही बरती गई?
पिछले साल जोधपुर के सबसे बड़े अस्पताल में पहुंचने पर मरीजों की जान बचाने के अभियान में जुटे डॉक्टर्स के चेहरे में एक बड़ी खुशी आई थी, लेकिन अब उसी एसएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक इन्हें हाथ लगाने से भी डर रहे हैं। डर इस बात का है कि कब करंट मारते हुए आग की भेंट चढ़ जाए या फिर ये मरीज को जिंदगी देने वाले की बजाय जिंदगी लेने वाले साबित हो जाएं?
इतनी जल्दी ये ख़राब हो जायेंगे किसी को इसकी उम्मीद भी नहीं थी, लेकिन यह हकीकत है कि चंद लोगों को जिंदगी की नई सांस देने वाले भारत इलेक्ट्रीकल्स कम्पनी से खरीदे गए ये वेंटीलेटर्स अब खुद अपना दम तोड़ने लगे हैं। किसी भी अस्पताल में मरीजों के लिए जीवन रक्षक माने जाने वाले इन सभी वेंटीलेटर्स से सेंसर के साथ दुसरे कई पार्ट्स में खराबी आने लगी है और कई बार मेकेनिक द्वारा इन्हें ठीक कराये जाने के बाद भी ये ठीक होने की बजाय लगातार और भी नई समस्याओं के साथ खराब होने लगे हैं।
इस वक़्त मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र जोधपुर अस्पतालों में 273 वेंटिलेटर उपलब्ध है। इन वेंटीलेटर में से करीब 120 वेंटिलेटर जोकि पीएम केयर्स फंड के तहत जून 2020 को इन्हें कोरोना काल में मरीजों का इलाज करने के लिए खरीदा गया था। चूंकि कोविड-19 के संक्रमण के दौरान अधिकतर पॉजिटिव मरीजों को फेफड़ों और सांस लेने की तकलीफ के चलते लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा जाता है, ऐसे में इनकी उपयोगिता भी नजर आई, लेकिन चंद की महीनों में जोधपुर के करीब 120 लाइफ सपोर्ट सिस्टम यानी वेंटिलेटर जो कि पीएम केयर्स फंड से आए थे वह खराब हो गए।
ऐसे हालातों में यदि अब संक्रमण का अधिक खतरा बढ़ा, तो प्रशासन के लिए भी परेशानी खड़ी हो सकती है। हालांकि इनकी सर्विस के लिए सॉफ्टवेयर अपडेट करने के लिए कंपनी ने जैसे तैसे ठीक भी किया और उसके बाद इन 100 वेंटिलेटर में से 30 का उपयोग कुछ दिनों बाद कोरोना के मरीजों की घटनी संख्या के साथ ही अस्पताल के आईसीयू में होने लगा, लेकिन इस दौरान ये वेंटिलेटर काम करते करते बंद होने लगे।
इसके बाद अस्पताल के डॉक्टर्स ने अस्पताल अधीक्षक को पीएम केयर के सभी वेंटिलेटर का उपयोग रोकने को कह दिया। डॉक्टर्स के साथ नर्सिंग स्टाफ भी इसका उपयोग करने से डरने लगे हैं, क्योंकि ज्यादा प्रेशर सहन नहीं करने के चलते यह चलते चलते बन्द हो जाते थे।
ऐसा नहीं है कि अकेले जोधपुर से ही पीएम केयर से मिले वेंटीलेटर्स के ख़राब होने की शिकायत मिली है बल्कि राज्यभर से कई अस्पतालों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कुछ इसी तरह की शिकायतें मिली हैं। अब सीएम अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों से इनकी रिपोर्ट मंगवाई है।
फिलहाल तो कहा जा सकता है लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बीच इन वेंटीलेटर्स की सांसें थमने के पीछे या तो घटिया क्वालिटी हो सकती है या फिर इनकी रखरखाव में बरती गयी कोई बड़ी लापरवाही। ऐसे में साफ है कि लगातार बढ़ रहे संक्रमित मरीजों की संख्या के बीच मरीजों की परेशानियां बढ़ेंगी ही।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.