चमोली: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITPP) ने कहा कि उत्तराखंड ग्लेशियर आपदा के बाद तपोवन सुरंग में बचाव कार्य गुरुवार को फिर से शुरू हो गया। ड्रिलिंग ऑपरेशन 2:00 बजे शुरू हुआ, जोकि 12 से 13 मीटर नीचे सुरंग में झांकने के लिए किया गया।
रविवार को चमोली जिले में ग्लेशियर के फटने से अलग-अलग इलाकों से अब तक 32 शव बरामद किए गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि तपोवन सुरंग के अंदर फंसे 25-35 लोगों सहित 206 लोग लापता हैं।
बचाव अभियान टीमों ने सुबह 12 से 13 मीटर नीचे की ओर टनल में झांकने के लिए बचाव अभियान शुरू किया। यह उस सुरंग से किया जा रहा है, जहां बचाव दल वर्तमान में कीचड़ निकाल रही है।
ITBP ने कहा, बोरिंग ऑपरेशन के जरिए टीमें यह देखने की कोशिश करेंगी कि क्या नीचे की ओर फ्लश करने वाली सुरंग कीचड़ से साफ है या नहीं, ताकि फंसे हुए लोगों को बचाया जा सके।
ITBP की DIG अपर्णा कुमार ने बताया, "सुरंग में बचाव कार्य करने में अब कोई बाधा नहीं आ रही है। JCB मशीनें अब लगातार चल रही हैं। मलबा अब आसानी से निकल रहा है। NDRF, SDRF, ITBP मिलकर काम कर रहे हैं।"
12-13 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए
ग्लेशियर के फटने से आई बाढ़ के कारण देश के बाकी हिस्सों से लगभग 12 गांवों को काट दिया गया है। रैनी इन 12 गांवों में से एक है और हेलीकॉप्टरों के माध्यम से निवासियों को राशन पहुंचाया जा रहा है। इन गांवों को जोड़ने वाला पुल बाढ़ में बह गया।
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