चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ के तपोवन में नंदा देवी ग्लेशियर के एक हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक विकराल बाढ़ आ गई। इस घटना में अबतक 11 लोगों के मारे जाने की खबर है। जबकि 200 से ज्यादा लोग अब भी लापता है। वहीं प्रभावित इलाके में लगातार राहत और बचाव का काम युद्ध स्तर पर जारी है।
आज सुबह तक पानी का बहाव काफी कम हुआ है, लेकिन कुछ जगहों पर झील जैसी स्थिति बनी हुई है। तपोवन प्रोजेक्ट के पास पानी और मलबा इकट्ठा है, लेकिन यहां से करीब 16 लोगों को निकाला गया है। मिली जानकारी के अनुसार, टनल में अभी भी 30 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं।
राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने हादसे को लेकर कहा कि पूरी रात रेस्क्यू चलता रहा. तपोवन गांव के पास एनटीपीसी परियोजना का काम चल रहा था। हमें पता चला है कि वहां तपवोन में एक कंपनी थी, जहां 24-25 लोग थे, जो काम कर रहे थे। हादसे के बाद लापता लोगों का आंकड़ा 203 के पार पहुंच गया है। इनमें से 11 का शव बरामद कर लिया गया है। फिलहाल युद्ध स्तर पर राहत कार्य जारी है।
साथ ही मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कल 360 परिवारों से संपर्क टूट गया था। अब सभी गांव संपर्क में है। उन्होंने कहा कि कल 360 परिवारों से भी संपर्क टूट गया था। इसके अलावा किसी गांव या सड़क में क्षति की खबर भी नहीं है।
साथ ही उन्होंने कहा कि 35 लोगों के अब भी एक सुरंग में फंसे होने की संभावना है। उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू चल रहा है। पुलिस, सेना आईटबीपी, एसडीआरएफ, आर्मी एनडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद हैं। ऐसा कोई उपकरण है, जो सुरंग तक पहुंचे तो उस टैक्नालजी की आवश्यकता है। हम क्या कर सकते हैं और कैसे मदद कर सकते हैं, ये ब़ड़ा विषय है। कारणों का पता चल जाये तो भविष्य में कुछ एहतियात बरता जाए।
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