नई दिल्ली : उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने से आए आपदा के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है। वहीं इस हादसे में कई लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। चमोली जिला प्रशासन ने अबतक आठ शव मिलने की पुष्टि की है। वहीं अभी भी 125 से अधिक लोग लापता हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन रात में भी जारी है। सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव का कार्य कर रहे हैं।
इस बीच खबर है कि ग्लेशियर टूटने के बाद तपोवन के पास एक झील बन गई है। अब इस झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में जिलाधिकारी (डीएम) ने एहतियातन टिहरी बांध से पानी छोड़ने का निर्देश दिया है। उत्तराखंड के चमोली जिले में आपदा के बाद हरिद्वार और ऋषिकेश में भी पुलिस प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है।
लोगों से अपील की जा रही है कि नदी किनारे ना जाएं। वहीं, प्रशासन टीम ने गंगा किनारे बसी आबादी को वहां से हटा दिया है। नुकसान का आकलन जारी है, जबकि कारण भी पता लगाया जा रहा है। वहीं, आपदा में मृतकों के परिवार को छह-छह लाख रुपये देने की घोषणा की है, जिसमें राज्य सरकार चार और केंद्र सरकार दो लाख रुपये की सहयोग राशि देगी।
उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की घटना पर आईजी, एनडीआरएफ ने कहा कि विभिन्न एंजेसियां काम कर रही हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। जो लोग सुरंग के बाहर फंसे थे उन्हें ITBP के जरिए सुरक्षित निकाला गया है। जो लोग सुरंग के अंदर फंसे हैं उन्हें बचाने का कार्य जारी है।
अब तक 25 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। इनमें तपोवन से 12 लोगों को बचाया गया है। वहीं रेणी से 13 लोगों का रेस्क्यू किया गया है। 250 मीटर लंबी सुरंग में बचाव कार्य अभी भी जारी है। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, सवा सौ से ज्यादा लोग लापता, केंद्र ने दिया हर मुमकिन मदद का भरोसा दिया है।
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