नई दिल्ली: आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला को फांसी दी जाएगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश के मथुरा जेल में तैयारियां तेज हो गई है। जिस महिला का फांसी की सजा देने की तैयारी चल रही है उसके अपराध को जानकर आप भी कांप उठेंगे। प्रेम में अंधी बेटी ने माता-पिता और 10 महीने के मासूम भतीजे समेत परिवार के सात लोगों को कुल्हाड़ी से गला काट कर मौत की नींद सुला दिया था।
उत्तर प्रदेश के अमरोहा की रहने वाली शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने माता-पिता समेत सात लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। अमरोहा के बावनखेड़ी गांव में रहने वाले शिक्षक शौकत अली की इकलौती बेटी शबनम ने 14 अप्रैल 2008 की रात अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर जो खूनी खेल खेला था, उससे पूरा देश हिल गया था। इस खूनी दास्तां के करीब 13 साल बाद शनबन और उसके प्रेमी सलीम उसके गुनाहों की सजा की तारीख नजदीक पहुंचती दिख रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की फांसी की सजा बरकरार रखी थी। राष्ट्रपति ने भी उसकी दया याचिका खारिज को कर दी है। ऐसे में डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी। शबनम आजाद भारत की पहली महिला कैदी होगी जिसे फांसी पर लटकाया जाएगा।
आपको बता दें कि आजादी के बाद से अब तक किसी भी महिला को फांसी की सजा नहीं दी गई। मथुरा जेल में आज से तकरीबन 150 साल पहले अग्रेजों के जमाने में ही महिला फांसीघर बनाया गया था। जानकारी के मुताबिक इस सिलसिले में पवन जल्लाद दो बार फांसीघर का निरिक्षण कर चुके हैं। तख्ता-लीवर में कमी को ठीक करवाया जा रहा है। इतना ही नहीं फांसी के लिए बिहार के बक्सर से रस्सी भी मंगवाई जा रही है। ताकि अंतिम समय में कोई दिक्कत न हो।
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