नई दिल्ली: कहते हैं क्रिकेट और चुनाव संभावनाओं का गेम है। कब किसकी बाजी पलट जाए, कहा नहीं जा सकता। बिहार चुनाव में एनडीए को 125 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत मिल गया है, दूसरी ओर तेजस्वी यादव की आरजेडी 75 सीटें जीतकर टॉप पर है।
हालांकि महागठबंधन को 110 सीटें ही मिल पाई हैं, ऐसे में भी तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनने का विकल्प तलाश रहे हैं। खबरों के मुताबिक आरजेडी ने एनडीए के दो छोटे घटक दलों वीआईपी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा से संपर्क किया है। ऐसे में यह सुगबुगाहट तेज हो गई है कि क्या तेजस्वी अब भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं?
बिहार चुनाव में महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं। जबकि बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत है। हालांकि एनडीए की सहयोगी पार्टी वीआईपी और हम को 4-4 सीटें मिली हैं, इससे एनडीए 125 तक पहुंची है, इनमें से एक भी पार्टी एनडीए छोड़ती है, तो गेम बिगड़ सकता है।
महागठबंधन को सरकार बनाने के लिए 110 सीटें हासिल करने के बाद अब केवल 12 सीटों की और जरूरत है। 110 के साथ ही अन्य पार्टियों के 8 और वीआईपी या हम के चार विधायक मिल जाते हैं तो महागठबंधन सरकार बना सकता है। उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी नीतीश से नाराज चल रहे हैं, ऐसे में उन्हें बड़ा आफर मिलता है तो देखना होगा कि वे क्या फैसला लेते हैं।
यदि ये समीकरण बैठ जाते हैं तो महागठबंधन को मिल जाते हैं तो उनकी सरकार बन सकती है। कहा जा रहा है कि इन दोनों दलों के साथ-साथ आरजेडी असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम (AIMIM) को भी अपने साथ लाने की कोशिश में है। ओवैसी की पार्टी को 5 सीटें मिली हैं। कहा जा रहा है कि आरजेडी ने वीआईपी के मुकेश सहनी से संपर्क साधा है। उन्हें डिप्टी सीएम देने की बात कही जा रही है।
एनडीए को बिहार चुनाव में पूर्ण बहुमत मिला हुआ है। राज्यपाल सबसे बड़े गठबंधन के नेता को पहले सरकार बनाने के लिए न्योता देंगे। यदि एनडीए विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने तक सरकार बनाने का दावा नहीं करती है तो वह परंपरा का पालन करते हुए सबसे बड़ी पार्टी को बुलावा भेजा जा सकता है। महाराष्ट्र में इसी प्रक्रिया को अपनाया गया था।
एनडीए को सहयोगियों को साधे रखना चुनौती
हालांकि एनडीए पर इसका दवाब पड़ सकता है। सरकार बनाने में माहिर एनडीए इस गेम को किसी भी तरह से बिगड़ने नहीं देगी। हालांकि एनडीए की सहयोगी पार्टियां कैबिनेट में बड़ी डिमांड कर सकती है। देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार बिना विवाद ही सातवें मुख्यमंत्री बन जाते हैं या फिर उनकी राह में रोड़े अटकेंगे। हालांकि नीतीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम पद के सवाल पर कहा है-एनडीए इसका फैसला करेगी।
नीतीश ने कहा, मैंने मुख्यमंत्री बनने का दावा नहीं किया है। इस पर फैसला एनडीए में शामिल पार्टियां करेंगी। उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से किसी भी तरह का दवाब नहीं है, सीएम पद के लिए एनडीए की बैठक में फैसला होगा।
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