दीपक दुबे, मुंबई: मर्चेंट नेवी में कार्यरत 27 वर्षीय अरविंद तिवारी के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता का एकलौता बेटा मुंबई की एलिगेंट फ्लीट मैनेजमेंट कंपनी में बतौर क्वार्टर मास्टर के रूप में काम कर रहा था। अरविंद जलपोत से अमेरिका गया था, जहां पनामा फ्लैग के जलपोत के साथ वह प्रशांत महासागर में सफर पर था। 3 दिसंबर को टेक्सास में आर्थर पोर्ट के समीप काम करने के दौरान अचानक वह समुंद्र में गिर गया, जिसकी सूचना एलिगेंट फ्लीट मैनेजमेंट कंपनी ने महज एक खत के माध्यम से परिवार को सूचित कर दी। खत में कहा गया कि पोर्ट पर पहुचने से पहले लैडर रिंगिंग प्रक्रिया के दौरान समुंद्र में उफनती ऊंची लहरों की चपेट में आने से अरविंद समुंद्र में गिर गया, जिसकी तलाश की जा रही है।
अरविंद के पिता राजेंद्र प्रसाद ने न्यूज 24 से बातचीत में कहा कि कंपनी की लापरवाही की वजह से उनका बेटा समुंद्र में गिरा। सुराक्षा मानकों का ख्याल आखिर क्यों नहीं रखा गया। पिता के आरोप के मुताबिक, सेफ्टी हार्नेस एक प्रकार की रस्सी होती है, जिसमें हुक लगा होता है, वह गिरने से बचाती है। आखिर उसका इस्तेमाल शिप पर अरविंद को क्यों नही मुहैया कराया गया था। यह बड़ी लापरवाही है और ऐसे बड़े जलपोत पर तो छोटे-छोटे सेफ्टी बोट होते है। बचाव दल की टीम मौजूद होती है। ऐसे कार्य के दौरान एक टीम की नजर उस शख्स पर होती है तो फिर कैसे इनके आंखों के सामने ही वह अचानक गिरा और उसे फौरन सर्च अभियान करके ढूढंने की कोशिश नहीं की गई।
जब सोमालियन लुटेरों ने अरविंद के जलपोत को अगवा किया था, तब तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की दखल के बाद रिहा किया गया था।
सोमालियन लुटेरों ने एक जहाज को पकड़ लिया था। उस जहाज में अरविंद भी मौजूद था। लूटपाट के बाद उस जहाज को बिना परमिशन लेटर के ईरान की सीमा में दाखिल करा दिया गया था, जहां सभी जहाज में मौजूद लोगों को ईरान के पोर्ट पर ही रहना पड़ा। लोगों की स्थिति बंधक जैसी हो चुकी थी। ईरान कि जल सेना ने जहाज को पकड़ लिया और इन्हें जाने नहीं दिया गया। जिसके बाद 2015 में उस वक्त की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को जब यह बात पता चली तो उन्होंने इस मामलें में दखल दिया और बाद में सभी को छुड़ाया जा सका।
परिवार की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय नितिन गडकरी को भी ट्वीट और खत के माध्यम से लगातार मदद की गुहार लगाई जा रही है कि इनके बेटे के विषय में संज्ञान लें। क्योंकि मुंबई में स्थित एलिगेंट फ्लीट मैनेजमेंट कंपनी कोई सुनवाई नहीं कर रही। पीड़िता परिवार को किसी भी तरह से मदद नहीं कर रही। ना ही यह बता रही कि किस तरह से अरविंद को ढूढंने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा और किसकी लापरवाही की वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ। परिवार ने मांग की है कि इस कंपनी पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
वहीं जब न्यूज़ 24 ने एलिगेंट फ्लीट मैनेजमेंट कंपनी के अधिकारी से बात की तो इनका कहना हैं कि हम अरविंद को ढूढंने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
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