प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली: प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। पिछली सुनवाई में प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद कोर्ट ने प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन से ही पूछा था कि आप बताइए, आपके मुवक्किल को क्या सजा दी जाए? आपको बता दें कि अवमानना मामले में पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इससे पहले न्यायपालिका और सुप्रीम कोर्ट के चार मुख्य न्यायाधीशों के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट को लेकर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ कोर्ट की आपराधिक अवमानना के मामले सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने प्रशांत भूषण का बचाव करते हुए कहा कि भूषण का ट्वीट यह बताने के लिए था कि ज्यूडिशरी को अपने अंदर सुधार लाने की जरूरत है, इसलिए भूषण को माफ कर देना चाहिए।
अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वकील प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट के ख़िलाफ़ दिए अपने सभी बयान वापस ले लेगें, ऐसे में उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने भूषण को अपना बयान वापस लेने पर विचार करने के लिए सुनवाई रोककर आधे घण्टे का समय दिया था। आधे घण्टे बाद जब सुनवाई शुरू हुई तो भूषण के वकील राजीव धवन ने कहा कि " मैं कोर्ट से अनुरोध करता हूं कि प्रशांत भूषण को शहीद न बनाएं। बाबरी मस्जिद के ध्वस्त होने और कल्याण सिंह के जेल जाने के बाद लोग उनकी प्रशंसा करने लगे थे। कृपया यहां प्रशांत भूषण को शहीद न बनाएं।"
सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से पूछा था कि प्रशांत भूषण को क्या सजा दी जा सकती है, AG अपनी राय बताएं। अटॉर्नी जनरल ने सुनवाई में दिलचस्प बात यह रही कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन से ही पूछ लिया कि आप सलाह दीजिए कि भूषण को क्या सजा दी जानी चाहिए? अटॉर्नी जनरल ने कहा कि प्रशांत भूषण को चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए। सजा नहीं देनी चाहिए। बाद में कोर्ट ने प्रशांत भूषण के वकील राजीव धवन से ही पूछ लिया कि आप भी बता दीजिए कि क्या सजा दी जा सकती है? राजीव धवन ने अपने अपने जवाब में कहा कि चेतावनी की भी जरूरत नहीं है, भूषण को ऐसे ही छोड़ देना चाहिए। धवन ने कहा कि अटारनी जनरल ने सलाह दी है कि भूषण को चेतावनी देकर छोड़ देना चाहिए। मैं इसके पक्ष में भी नहीं हूं। मेरा कहना है कि सिंपल स्टेटमेंट के साथ भूषण को छोड़ देना चाहिए।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भूषण ने सोमवार को कोर्ट में जो अपना अतिरिक्त बयान दाखिल किया है उसमें उम्मीद थी कि अपने रवैये में भूषण कुछ सुधार करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अटारनी जनरल को संबोधित करते हुए कहा कि हमने भूषण को मौका दिया था। गलती हमेशा गलती होती है और संबंधित व्यक्ति को यह महसूस होना चाहिए। कोर्ट कि मर्यादा है भूषण ने कहा कि मैं माफी नहीं मांगूगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जानते हैं कि दुनिया में कोई भी पूर्ण नहीं है। गलती सब से होती है। लेकिन गलती करने वाले को इसका एहसास तो होना चाहिए। हमने प्रशांत भूषण को गलती मानने का अवसर दिया था लेकिन उन्होंने कहा कि माफी नहीं मांगना चाहते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर उन्हें यह लगता है कि उन्होंने गलत नहीं किया तो हमारी बात का क्या लाभ होगा। यह कैसे सुनिश्चित होगा कि वह भविष्य में ऐसा नहीं करेंगे।
अब निगाहें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तरफ होंगी कि कोर्ट प्रशांत भूषण को क्या सजा सुनाता है।
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