प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन कुणाल कामरा और कॉमिक आर्टिस्ट रचिता तनेजा को शीर्ष अदालत के खिलाफ अपमानजनक ट्वीट्स के लिए शुक्रवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
जस्टिस अशोक भूषण, आरएस रेड्डी और एमआर शाह की पीठ ने दो अलग-अलग मामलों में जारी नोटिसों पर छह सप्ताह में दोनों से जवाब मांगा। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें मामलों में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने से छूट दी।
शीर्ष अदालत ने गुरुवार को कामरा और तनेजा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कामरा के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति प्रदान की, यह कहते हुए कि ट्वीट अच्छे नहीं थे और इन लोगों ने शीर्ष अदालत पर बेशर्मी से हमला किया, जिसमें कोंटराप्यूट ऑफ कोर्ट्स एक्ट, 1972 के तहत सजा हो सकती है।
इसी तरह, अटॉर्नी जनरल ने तनेजा के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति दी थी, जिसमें कहा गया था कि इन ट्वीटस का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट को बदनाम करना और जनता की नज़र में भरोसे को कम करना है।
किसी व्यक्ति के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए या तो अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की सहमति आवश्यक है।
सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना पर 2,000 रुपये के जुर्माने और छह महीने तक की कैद की सजा है।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.