प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली: महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है। यहां पर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस कौल ने कहा कि हम मानते है कि मामला महत्वपूर्ण है, लेकिन हाईकोर्ट के पास भी अनुच्छेद 226 के तहत पर्याप्त अधिकार है। आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए।
परमबीर सिंह की तरफ से मुकुल रोहतगी वकील के तौर पर पेश हुए। मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि हम आज दोपहर के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रहे हैं, लेकिन कोर्ट आदेश दे कि हाईकोर्ट कल ही सुनवाई करे।
इसके बाद परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ अपनी याचिका वापस ले ली और कहा कि वह बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "उच्च न्यायालय से संपर्क करने की स्वतंत्रता दी गई है।"
इससे कोर्ट ने उनसे पूछा कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका क्यों दायर की गई, हाईकोर्ट में क्यों नहीं। इसके साथ ही याचिका में अनिल देशमुख को पार्टी क्यों नहीं बनाया गया है। जिसपर मुकुल रोहतगी ने कहा कि हम याचिका में देशमुख को पक्षकार बनाएंगे।
परमबीर की सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के खिलाफ वकील जयश्री पाटिल ने अर्ज़ी दाखिल की, उनके तरफ से दलील दी गई कि मामला महाराष्ट्र का है, इसलिए सुनवाई बॉम्बे हाई कोर्ट में होनी चाहिए। जयश्री ने याचिका में कहा है कि इस मामले की CBI जांच होनी चाहिए।
शरद पवार, उद्धव ठाकरे को वह करना चाहिए जो आवश्यक है: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राकांपा प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अनिल देशमुख के भ्रष्टाचार मामले पर लिखे गए पत्र मामले में वह करना चाहिए जो आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। यह अब नैतिकता का सवाल है।
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