प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली: पिछले डेढ़ महीने से तीन नए कृषि कानूनों के लिए दिल्ली के बॉर्डरों पर आंदोलन को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है। सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाते हुए 4 सदस्य कमेटी का गठन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है, उसमें कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी, भूपेंद्र सिंह मान, अनिल घनवंत और प्रमोद जोशी का नाम हैं, जिनका उल्लेख CJI ने सदस्यों के रूप में किया है।
किसान संगठन के चारों वकीलों प्रशांत भूषण, दुष्यंत दवे, फुल्का, कोलिन गोंजाल्विस आज सुनवाई में नहीं आए। सीजेआई एसए बोबडे ने कहा कि चारों वकील कहां हैं, जो कल तमाम किसान संगठनों कि ओर से पेश हुए थे। जिसपर हरीश साल्वे ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि 400 किसान संगठन कि तरफ से पेश हुए 4 वरिष्ठ वकील आज सुनवाई में नहीं आए।
इससे पहले सीजेआई ने कहा, ''हम एक कमिटी का गठन करने जा रहे हैं। किसान संगठन को वहां जाना चाहिए। कमेटी के सामने जाने में कोई दिक्कत नहीं है। कमेटी किसी को सजा देने नहीं जा रही है। हमारा कमेटी बनाने का मकसद है कि हम जाने कि क्या चल रहा है।'' उन्होंने कहा, ''हम लोगों के जान-माल और संपत्ति के नुकसान को लेकर चिंतित हैं और हमारे पास यह शक्ति है कि हम कानून पर रोक लगाएं व हल निकालने के लिए कमेटी का गठन करें, जो हल चाहता है, वह कमेटी के पास जाएगा। कमेटी हमारे समक्ष रिपोर्ट देगी।''
सीजेआई एसए बोबडे ने कहा, ''हमें कमिटी बनाने का अधिकार है, इससे हमें कोई नहीं रोक सकता है।'' उन्होंने किसानों से कहा, ''अगर आप समाधान चाहते हैं तो हम इसके लिए तैयार हैं। अगर आपको केवल प्रदर्शन करना है तो आप करते रहिए। यह कोई राजनीति नहीं है, हम समस्या का समाधान चाहते हैं। हम जमीनी हकीकत जानना चाहते है, इसलिए कमेटी का गठन चाहते हैं।''
तमिलनाडु किसान संगठन ने की कानून रद्द करने की मांग
वहीं तमिलनाडु के किसान संगठन ने कहा कि वह कृषि कानून का विरोध करते हैं और कानून रद्द करने की मांग करते है। जिसपर सीजेआई ने कहा, ''कल अटॉर्नी जनरल ने हमको बताया की दक्षिण भारत के किसान कानून का समर्थन कर रहे है। जिसपर तमिलनाडु के किसान संगठन के वकील ने कहा कि नहीं तमिलनाडु में भी किसान संगठन प्रदर्शन कर रहे है, हम उसकी तस्वीर भी दिख सकते हैं।''
भाकियू ने किया सुप्रीम कोर्ट से वादा
भाकियू (भानु) संगठन के वकील एपी सिंह ने कहा कि बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं प्रदर्शन में शामिल नहीं होगी भविष्य में। उनका संगठन अदालत से सहमत है।
सीजेआई ने उनका बयान दर्ज किया।
भारतीय किसान संघ के वकील ने कोर्ट में कहा कि हम देश के सबसे बड़े किसान संगठन हैं। इसमें देशभर के किसान शामिल हैं। हम कमेटी गठन चाहते हैं।
जिसपर सीजेआई ने पूछा कितने किसान मेंबर हैं।
वकील ने जवाब दिया 10,000
सीजेआई ने इसपर कहा कि आप कह रहे हैं कि आप देश का सबसे बड़ा किसान संगठन हैं।
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