नई दिल्ली: अभिनेता सनी देओल अब नेता बन चुके हैं। गुरुदासपुर के सांसद सनी देओल ने बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह से राज्य में रेल यातायात बहाल करने में केंद्र की मदद करने की अपील की। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसानों से भी 13 नवंबर को केंद्र के साथ प्रस्तावित वार्ता में शामिल होने की अपील की।
गुरदासपुर से सांसद और अभिनेता सनी देओल ने कृषि कानूनों पर नाराज चल रहे किसान संगठनों के नेताओं के नाम खुला पत्र लिखा है। सनी देओल ने ट्वीट कर कहा, इतिहास गवाह है की बड़ी से बड़ी समस्याओं एवं विवादों का हल बातचीत से निकला है। मैं विनम्रतापूर्वक अपने किसान मित्रों से अनुरोध करता हूं कि वह बातचीत के लिए केंद्र सरकार के निमंत्रण को स्वीकार करे और गतिरोध को हल करने की दिशा में कदम उठाए।
पंजाब में करीब डेढ़ माह से चल रहे आंदोलन और कई जगहों पर रेल और सड़क यातायात बाधित किए जाने को लेकर बीजेपी नेता सन्नी देओल ने यह चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि इसका बुरा प्रभाव प्रदेश के कारोबार-व्यापार, किसान, आमजन और सरकार की आय पर पड़ रहा है। अर्थव्यवस्था चरमरा रही है।
सनी देओल ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नाम पत्र लिखते हुए कहा कि पंजाब के सर्वपक्षीय विकास हेतु कैप्टन अमरिंदर से निवेदन है कि रेलवे बोर्ड की जरूरतों के हिसाब से रेल ट्रेक उपलब्ध करवाएं, ताकि पंजाबियों और पंजाब का आर्थिक नुकसान ना हो, आंदोलन प्रजातांत्रिक हक है, पर इस कारण अन्य नागरिकों के आय के साधन ना रुकें यह जिम्मेदारी पंजाब सरकार की है।
यह लिखा पत्र में
किसानों के नाम लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के हित चिंतक हैं। हमारी केंद्र सरकार आप सब से बातचीत कर उनके मुद्दों का निवारण करने की नीयत / इच्छा रखती है, इसी कारण पहले कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के न्यौते पर अधिकारियों के साथ आप सब की बैठक हुई। अब पंजाब भाजपा के प्रयासों से केंद्रीय मंत्रियों एवं किसान संगठनों के बीच बैठक 13 नवंबर को दिल्ली में होने जा रही है. कृषि मंत्रालय द्वारा आप को इसका न्योता भेज दिया गया है। मैं पुनः अनुरोध करता हूं कि इस बातचीत के न्योते को स्वीकार करें, मुझे उम्मीद है कि जल्द ही साकारत्मक हल निकलेगा।
सनी देओल ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि वूलेन, स्पोर्ट्स, ऑटो पार्ट्स, साइकिल, टैक्सटाइल और लौह-इस्पात उद्योग आदि का बुरा हाल है, क्योंकि कच्चा माल आ नहीं रहा तथा करोड़ों का तैयार माल फैक्टरियों में पड़ा है। लुधियाना में 10 से 15 हजार कंटेनर फंसे पड़े हैं। कोरोना की मार झेल रहे पंजाब भर के छोटे-बड़े दुकानदार, व्यापारी, रेहड़ी-फड़ी वाले आदि को दीवाली, धनतेरस, करवाचौथ एवं गुरुपर्व आदि त्योहारों के सीजन में उबरने की उम्मीद थी, लेकिन यह भी रेल रोको आंदोलन के कारण टूटती गई। खुद किसान भी इससे बुरी तरह से प्रभावित हैं, क्योंकि गेहूं के साथ आलू, प्याज और लहसून की बिजाई के लिए जरूरी यूरिया और डीएपी भी नहीं आ रहा है।
पंजाब सरकार की जीएसटी से होनेवाली आय पर भी बुरा असर पड़ेगा। खरीद-फरोख्त तथा बिक्री कम होने के कारण पंजाब सरकार को मिलनेवाले जीएसटी में भयंकर गिरावट आएगी, तो पंजाब में किसान आंदोलन को हवा देने वाली पंजाब सरकार समझे कि नुकसान सबका हो रहा है।
दिवाली, करवाचौथ, गुरुपर्व पर पंजाब अपने घर आने वाले पंजाबी, जिनमें अत्यधिक भारतीय सेना के जवान होते हैं, पैसेंजर ट्रेन बंद होने के कारण आ नहीं पा रहे। छठ पूजा और अन्य त्योहारों के कारण बिहार और यूपी को जानेवाले हमारे प्रवासी नहीं जा पा रहे हैं। इतना ही कहना चाहूंगा कि धरना-प्रदर्शन और आंदोलन का हक प्रजातंत्र के तहत भारत के हर नागरिक को है, लेकिन इस कारण अन्य नागरिकों पर बुरा प्रभाव ना पड़े।
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