नई दिल्ली: शिरोमणि अकाली दल (डेमोक्रेटिक) के प्रमुख और राज्यसभा सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा ने भी गुरुवार को कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए अपना पद्म भूषण पुरस्कार लौटा दिया।
अनुभवी नेता सुखदेव ने SAD प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के साथ राजनीतिक मतभेदों के बाद शिरोमणि अकाली दल के साथ साझेदारी तोड़ ली थी, उन्हें मार्च 2019 में भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा पद्म भूषण प्रदान किया गया।
सुखदेव ढींडसा ने कहा, “मैंने अपना पद्म भूषण वापस कर दिया है, क्योंकि किसान पिछले दो महीनों से धरना दे रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है। जब भाजपा सरकार हमारे बुजुर्गों की उपेक्षा कर रही है, जिनको दिल्ली में नहीं जाने दिया जा रहा है और वह दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हैं, तो यह पुरस्कार मेरे लिए बेकार है।”
राज्यसभा सांसद ने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता किसानों को समर्थन दे रहे हैं और उन्होंने उनसे किसानों के विरोध में पार्टी की राजनीति पर चर्चा नहीं करने को कहा है। उन्होंने कहा, “मेरे बेटे परमिंदर सिंह ढींडसा ने भी इन किसान विरोधी कानूनों का विरोध किया। मैं किसानों के साथ खड़ा रहूंगा। अगर सरकार इस तरह के काले कानून को वापस नहीं लेती है तो मैं आंदोलन तेज कर दूंगा।”
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