नई दिल्ली: पिछले साल आए कोरोना ने सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चों की शिक्षा को किया है। स्कूल बंद होने के कारण करीब एक साल से बच्चे स्कूल नहीं जा पाएं और उनकी क्लॉस ऑनलाइन की हुई। इसको देखते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए कक्षा 3 से 8 तक के छात्रों बिना एग्जाम के अगली कक्षा में प्रमोट करने का आदेश दिया है।
दिल्ली सरकार ने यह फैसला दिल्ली के सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए किया है, जिसमें 'नो डिटेंशन पॉलिसी' के तहत इन छात्रों को अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जाएगा।
दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय का कहना है कि तीसरी से आठवीं तक के छात्रों का मूल्यांकन 100 अंकों के आधार पर होगा। छात्रों को स्कूल द्वारा 1 से 15 मार्च के बीच प्रोजेक्ट कार्य दिया जाएगा। प्रोजेक्ट कार्य के अंकों के साथ-साथ छुट्टियों में दिए गए कार्य और वर्कशीट के अंक भी मूल्यांकन में जोड़े जाएंगे।
वर्ष 2020 में भी इसी आधार पर बच्चों को अगली कक्षाओं में भेजा गया था। शिक्षा निदेशालय ने इसके दिशानिर्देश भी जारी कर दिए हैं। शिक्षा निदेशालय के मुताबिक छात्रों का मूल्यांकन विषयवार प्रोजेक्ट और वर्कशीट के आधार पर होगा।
शिक्षा निदेशालय के मुताबिक वार्षिक परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी। कोरोना के कारण उत्पन्न हालात को देखते हुए वैकल्पिक शिक्षा पद्धति का प्रभाव जानने के लिए प्रोजेक्ट और वर्कशीट के आधार पर यह मूल्यांकन होगा। इससे निदेशालय को अगले सत्र के लिए रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।
सरकारी स्कूलों को अंक अपलोड करने के लिए 15 से 25 मार्च तक का समय दिया गया है। स्कूल छात्रों को केवल ग्रेड देंगे। मूल्यांकन के बाद रिजल्ट 31 मार्च को घोषित किए जाएंगे। हालांकि रिजल्ट लेने के लिए छात्रों को स्कूल नहीं जाना पड़ेगा।
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