नई दिल्ली: कई आरोपों में जेल की सजा काट रहे समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका मिला है। मंत्री रहे आजम खां के साथ ही उनकी विधायक पत्नी तंजीन फातिमा और पूर्व विधायक बेटे अब्दुल्ला की जमानत अर्जी हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। न्यायामूर्ति सुनीत कुमार की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों की ओर से दाखिल तीन जमानत अर्जियों को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि याचीगण प्रभावशाली व्यक्ति हैं। प्रदेश के तमाम विभागों के मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में उनके द्वारा साक्ष्यों को प्रभावित किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
रामपुर में सरकारी जमीन पर कब्जा करने के साथ वक्फ की संपत्ति जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल करने तथा बेटे का फर्जी आयु प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में आजम खां जेल में बंद हैं। उनके साथ उनकी विधायक पत्नी तथा पूर्व विधायक बेटा भी सीतापुर जेल में बंद हैं। इनकी जमानत को लेकर दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई करने के बाद 19 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा था।
कोर्ट ने रामपुर से सपा सांसद मोहम्मद आजम खान के साथ बेटे अब्दुल्ला आजम खां को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने जमानत अर्जी पर दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद 19 नवंबर को फैसला सुरक्षित रखा था। आजम खां पर अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर पैनकार्ड और पासपोर्ट बनवाने का आरोप है। इस बड़े फर्जीवाड़ा में आजम खां के साथ उनके पूर्व विधायक बेटे आरोपित हैं। आजम खां के साथ उनकी विधायक पत्नी डॉ. तजीन और बेटे अब्दुल्ला आजम खां सीतापुर जेल में बंद हैं। इन सभी के खिलाफ रामपुर के भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने केस दर्ज कराया था।
सक्सेना ने आजम खां के मामले में सीबीआई डायरेक्टर और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पत्र लिखकर सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां पर रामपुर में वक्फ संपत्तियों को कब्जाने और हेराफेरी कर इनको जौहर यूनिवर्सिटी के नाम कराने का आरोप लगाया है। सक्सेना ने आजम खां के सारे वक्फ घोटालों की जांच भी सीबीआई से कराने की मांग की है।
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