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मुंबई:- केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे और भाजपा विधायक नितेश राणे की अग्रिम जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिच करते हुए नितेश को 10 दिन के भीतर जिला न्यायालय में सरेंडर करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला राणे परिवार के लिए बड़ा झटका माना जाता है। सिंधुदुर्ग के सेशन्स कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिच होने के बाद नितेश ने हाई कोर्ट का रुख किया लेकिन हाई कोर्ट ने निचली अदालत का फैसला बरकार रखा जिस के बाद राणे के वकील सुप्रिम कोर्ट पहुँचे लेकिन उन्हें वहाँ राहत नहीं मिल पायी
सिंधुदुर्ग जिला बैंक चुनाव से पहले शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर जानलेवा हमला किया गया था इस हमले में परब गंभीर रूप से घायल हुए। पुलिस ने हमलावरों को धर दबोचा जिस के बाद जाँच में पता चला कि हमलावर विधायक नितेश राणे और उसके पिए के संपर्क में थे पुलिस ने जिस के बाद नितेश राणे का नाम एफआईआर में शामिल किया पुलिस को नितेश के 2 मोबाइल की तलाश है जिसमें इस जानलेवा हमले को लेकर कई सबूत मौजूद है।
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नितेश को अब अलगे 10 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करना होगा उसके बाद स्थानीय पुलिस इस मामलें के तह में जाकर और कई खुलासा करेगी। महाराष्ट्र का सिंधुदुर्ग जिला राणे परिवार की दबंगाई के लिए इससे पहले भी सुर्खियों में रहा है लेकिन पहली बार राणे परिवार के किसी सदस्य को कानून की बड़ी फ़टकार लगी है।
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