इंद्रजीत सिंह, मुंबई : महाराष्ट्र में एकबार फिर कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसके मद्दे नजर अमरावती में आज रात 8 बजे से राज्य में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए सप्ताहांत लॉकडाउन लगाया गया है। इस बीच शिवसेना ने राज्य में कोरोना के फिर से बढ़ते प्रकोप को लेकर लोगों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। शिवसेना ने इस सिलसिले में सामना में संपादकीय भी लिखा है।
शिवसेन ने सामना में लिखा है कि मुंबई सहित महाराष्ट्र में कोरोना के मरीज बढ़ने लगे हैं इसलिए हम एक बार फिर लॉकडाउन की दिशा में बढ़ रहे हैं क्या? ऐसी आशंका निर्माण हो रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बार-बार स्पष्ट किया है, फिर लॉकडाउन नहीं होगा तो नियमों का सख्ती से पालन करो! परंतु लोग लापरवाह होकर भीड़ कर रहे हैं, मास्क लगाए बगैर घूम रहे हैं, उत्सव मना रहे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील ने भीड़ में विदर्भ यात्रा शुरू की। सांगली में भी रैली निकाली गई। अब जयंतराव कोरोना ग्रस्त होकर छटपटा रहे हैं।सामना में आगे लिखा गया है कि स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, अन्न व औषधि प्रशासन मंत्री राजेंद्र शिंगणे पर भी कोरोना संक्रमित हो गए। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले द्वारा अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार के विरोध में ‘शूटिंग रोको’ आंदोलन करने का एलान करते ही कोरोना ने उनके कार्यालय में प्रवेश किया व नाना को विलगीकरण कक्ष में जाना पड़ा।
एकनाथ खडसे को लगातार तीसरी बार कोरोना हुआ है। यह थोड़ा अजीब ही है। गृहमंत्री अनिल देशमुख हाल ही में कोरोना के पाश से मुक्त हो रहे हैं। महाराष्ट्र का मंत्रिमंडल, प्रशासन इस तरह से कोरोना के जाल में फंसा है। अत: मुख्यमंत्री ठाकरे बारंबार जिस खतरे की चेतावनी देते रहे हैं, वो सही सिद्ध हुआ है। ‘ये खोलो और वो खोलो अन्यथा हम आंदोलन करेंगे।’ ऐसी धमकियां विरोधी देते रहे, कोरोना के नियमों पर भी राजनीति की गई। इसका खामियाजा जनता व राज्य को भुगतना पड़ रहा है
लोगों की लापरवाही फिर शुरू हो गई। उस लापरवाही को विरोधियों ने इतना खाद-पानी दिया कि मानो सरकार को ही खलनायक बना दिया। अब जो कोरोना बढ़ रहा है, उसकी जिम्मेदारी राज्य के विरोधी लेंगे क्या? अमरावती, यवतमाल, अकोला में कोरोना का संसर्ग बढ़ने के कारण वहां फिलहाल तो जमाव बंदी लागू की गई है। परंतु कुछ जिलों में एक बार फिर लॉकडाउन लगाना पड़ेगा, ऐसी अवस्था हो गई है।
मंदिर खोल दिए, लोकल ट्रेन शुरू हो गई, बाजार खोल दिए, परंतु लोग नियमों का पालन करने को तैयार नहीं हैं। ये कैसे चलेगा? सार्वजनिक जगहों पर सामाजिक दूरी बनाए रखना, मुंह पर मास्क लगाना इन नियमों का पालन किया ही जाना चाहिए। परंतु कई बार इसे बेहद लापरवाही से नजरअंदाज करते लोग दिखते हैं। राज्य के विपक्ष के नेता भी ‘मास्क’ लगाए बगैर सार्वजनिक कार्यक्रमों में घूमते हैं। ये उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है ही परंतु नेता की हैसियत से जनता को कौन-सी दिशा में ले जा रहे हो?
पश्चिम बंगाल में भाजपा को विजय हासिल करनी है, ये ठीक है। परंतु अमित शाह देश के गृहमंत्री हैं। बंगाल के सार्वजनिक कार्यक्रम में गृहमंत्री और उनके सहयोगी ‘मास्क’ लगाए बगैर अथवा ‘मास्क’ नाक के नीचे खींचकर ममता दीदी पर हमला करते हैं।
बाजार में कोरोना की ‘वैक्सीन’ आ गई है, परंतु वैक्सीन लेनेवालों को भी कोरोना ने जकड़ा है। । वैक्सीन से वो मरेगा नहीं, कुल मिलाकर ऐसा लगता है। महाराष्ट्र में भी अब सरकार संयमपूर्वक बर्ताव करें अन्यथा कोरोना एक बार फिर हाहाकार मचाएगा। विरोधी खुद नियम पालें।
विवाह, सार्वजनिक कार्यक्रम, सभा-सम्मेलन आदि जगहों पर भीड़ पर नियंत्रण होना ही चाहिए, मास्क की सख्ती तो होनी ही चाहिए। नियम तोड़नेवालों को कड़ी सजा दिए जाने की आवश्यकता है। लोग लापरवाह क्यों हैं? हालात ऐसे ही रहे तो कोरोना की नई लहर नहीं, बल्कि लहरें आएंगी। ऐसा संकेत कोरोना से संबंधित राज्य कृति दल के अध्यक्ष डॉ. संजय ओक ने दिया है। कम-से-कम डॉक्टरों की तो सुनो!
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.