नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के अमरोहा गांव बावनखेड़ी हत्या कांड की खलनायिका शबनम की एक बार फिर कानूनी दांव पेंच के चलते फांसी की तारीख तय नहीं हो सकी। अमरोहा जिला न्यायालय ने अभियोजन से 7 लोगों की हत्या में दोषी शबनम का ब्यौरा मांगा था, लेकिन शबनम के अधिवक्ता की ओर से राज्यपाल को दया याचिका दाखिल कर दी गई। दया याचिका दाखिल होने के कारण फांसी की तारीख तय नहीं हो पाई।
मंगलवार को जिला न्यायालय में माता-पिता और भाई सहित 7 लोगों की हत्या में दोषी शबनम की फांसी को लेकर सुनवाई हुई। माना जा रहा था जिला जज की अदालत में शबनम की रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इस रिपोर्ट में कोई याचिका लंबित नहीं पाई गई तो शबनम की फांसी की तारीख तय की जा सकती है, लेकिन उनके वकील ने कुछ दिन पहले ही फिर से दया याचिका के लिए राज्यपाल से गुहार लगाते हुए जिला जेल रामपुर प्रशासन को प्रार्थनापत्र सौंपा था। आज सुनवाई में इसी का जिक्र आया, जिसके कारण फांसी की तारीख मुकर्रर नहीं हो सकी
गौरतलब है कि 14 /15 अप्रैल 2008 की दरम्यानी रात को शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने ही परिवार के 7 लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। इस मामले में निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ने दोनों की फांसी की सजा बरकरार रखी थी। दिसंबर 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने उसकी पुनर्विचार याचिका भी ख़ारिज कर दी थी। इसके बाद राष्ट्रपति ने भी शबनम की दया याचिका को ख़ारिज कर दिया। हालांकि, नैनी जेल में बंद सलीम की दया याचिका पर अभी फैसला होना है।
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