नई दिल्ली: कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े किसानों से आज दोपहर 12 बजे सरकार फिर बात करेगी। ऐसे में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार और किसानों के बीच आज से हर रोज बातचीत होगी। किसानों को जिन मुद्दों पर आपति है, उस पर हर रोज चर्चा होगी। इसके साथ ही किसानों से बातचीत कर रहे प्रतिनिधिमंडल में शामिल सोम प्रकाश ने न्यूज 24 से बात करते हुए कहा कि पीएम ने कहा है कि एमएसपी रहेगी और सरकार को लिखकर देने में कोई आपत्ति नहीं है।
किसानों की मांग है कि MSP को पक्का किया जाए या फिर सत्र बुलाकर कानून ही वापस ले लिया जाए, लेकिन सरकार कृषि कानून के मसले पर पीछे हटती नहीं दिख रही है। उधर, किसान और सरकार की बैठक से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने वाले हैं। दरअसल, दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन करनेवाले ज्यादा किसान पंजाब से हैं। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अमित शाह और पंजाब सीएम के बीच चर्चा से आंदोलन का कोई हल निकल सकता है।
इस बीच, गतिरोध को समाप्त करने के लिए किसान नेताओं और केंद्र के बीच दूसरे दौर की वार्ता के लिए आज दोपहर फिर से बैठक होगी। मंगलवार को हुई बैठक अनिर्णायक थी। वाणिज्य और उद्योग MoS सोम प्रकाश ने कहा, "हम उम्मीद कर रहे हैं कि बैठक सफल होगी। बातचीत आयोजित करने का उद्देश्य एक समाधान खोजना है। सरकार एक समाधान तक पहुंचने के लिए किसानों के साथ चर्चा करेगी। सरकार राष्ट्र के हित में खुले दिल से किसानों के साथ बातचीत करेगी।”
अमरिंदर सिंह किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं और राज्य विधानसभा ने केंद्र के कृषि कानूनों को नकारने के उद्देश्य से कई कानूनों को पारित किए हैं - किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक, 2020 पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक। अमरिंदर सिंह ने कहा था कि वह और उनकी सरकार सभी के सामूहिक हित में केंद्र और किसानों के बीच बातचीत में मध्यस्थता करने को तैयार हैं।
प्रदर्शनकारी किसान, जिनमें से बड़ी संख्या में पंजाब के हैं, राष्ट्रीय राजधानी के बॉर्डर पर बैठे हैं। वे मांग कर रहे हैं कि सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले लेती है, अगर वह चाहती है कि उनका आंदोलन खत्म हो जाए।
किसान यूनियनों का दावा है कि नए कानून एमएसपी प्रणाली को खत्म कर देंगे और किसानों को कॉर्पोरेट घरानों की दया पर छोड़ देंगे। लेकिन सरकार का कहना है कि यह व्यवस्था जारी रहेगी और कानून किसानों को अपनी फसल बेचने के अधिक विकल्प देगा।
इससे पहले बुधवार को अमित शाह ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और रेल मंत्री पीयूष गोयल के साथ नए कृषि कानूनों पर चिंताओं को दूर करने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। तोमर, गोयल ने वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ मंगलवार को किसान नेताओं के साथ वार्ता के दौरान केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व किया था। माना जाता है कि मंत्रियों ने किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की और केंद्र सरकार रचनात्मक रूप से कृषि कानूनों पर व्यक्त की गई चिंताओं का जवाब कैसे दे सकती है।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.