प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली: कृषि कानूनों पर किसान आंदोलन की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि जिस ढंग से सरकार कर रही है, हम इससे बहुत निराश हैं। इसके साथ सीजेआई ने कहा कि अगर कुछ गलत होता है तो हम सब जिम्मेदार होंगें।
CJI ने केंद्र सरकार से फटकार लगाते हुए कहा कि पिछली के सुनवाई से आप कह रहे थे कि किसानों से बात चल रही है, किस तरह की बात चल रही है, क्या हो रहा है। जिस ढंग से सरकार कर रही है, हम इससे बहुत निराश हैं।
CJI ने कहा कि हमने सरकार को कहा कि सरकार कानून के पालन को कुछ समय के लिए टाल दे, सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी। उन्होंने कहा, ''दिक्कत क्या है, सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती। सरकार कानून को लागू करने पर क्यों अड़ी हुई है?
सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जरनल पेश हुए, जिन्होंने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से कहा कि कई किसान संगठन सरकार से बात कर कानून का समर्थन किया है।
CJI ने कहा कि अगर ऐसा है तो हमारे सामने ऐसी कोई याचिका क्यों नहीं आई, जो इस कानून का समर्थन करती हो। हम इसके लिए एक कमेटी बना सकते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जरनल से कहा, ''आप हमको बताइए कि आप कानून को लागू करने पर रोक क्यों नही लगा सकते, अगर आप नहीं करेंगे तो हम करेंगे। रोज़ हालात खराब हो रहे हैं, किसान आत्महत्या कर रहे हैं, किसानों ने बुज़ुर्ग और महिलाओं को भी आंदोलन में शामिल किया हुआ है।''
CJI ने कहा कि हमनें यही सुना है, मीडिया और दूसरी जगहों से भी की असली समस्या कानून है। CJI ने सॉलिसिटर जनरल को टोकते हुए कहा कि हम समझ नहीं पा रहे है कि आप समस्या का हिस्सा है या समाधान का? CJI ने कहा कि सरकार को किसानों से गंभीर होकर बात करनी चाहिए। अगर कुछ गलत होता है तो हम सब जिम्मेदार होंगें।
CJI ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सड़कों पर कोई हिंसा या खून ना बहे। हमें यह कहते हुए अफसोस हो रहा है कि सरकार इस समस्या का समाधान करने में असफल है।
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