---- विज्ञापन ----
News24
नई दिल्ली: विदेश मंत्रालय सूत्रों ने बताया है कल रात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हुए वोटिंग में हिस्सा नहीं लेने की वजह क्या रही । साथ ही कहा गया कि वोट की व्याख्या के तहत यूएनएससी के सदस्यों को भी अपने स्टैंड की वजह बताई गई।
ये ज़ाहिर था कि रूस इस प्रस्ताव को वीटो करेगा। हालांकि आश्चर्य इस बात का है कि पहले प्रस्ताव में यूएन की तरफ से रूस के खिलाफ़ सशस्त्र कार्रवाई का प्रस्ताव भी जुड़ा था, लेकिन आखिर में प्रस्ताव में सशस्त्र कार्रवाई वाला हिस्सा नहीं था।
• यूक्रेन की स्थिति पर एक प्रस्ताव 25 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कार्रवाई के लिए पेश किया गया था।
• 15 सदस्यीय परिषद में, प्रस्ताव के पक्ष में 11 मत मिले, एक मत (रूस) के विरुद्ध, तीन मत (भारत, संयुक्त अरब अमीरात, चीन) नहीं पड़े।
• चूंकि रूस ने प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया था (अर्थात प्रस्ताव के खिलाफ वीटो), इसे पारित नहीं किया गया था।
• भारत ने मतदान से परहेज किया और वोट के बाद स्पष्टीकरण जारी किया।
• अपने ईओवी में, भारत ने कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया।
• राज्यों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने का आह्वान।
• हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया (जैसा कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को भी बताया था)।
• सभी सदस्य देश अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों का सम्मान करें, क्योंकि ये आगे एक रचनात्मक रास्ता प्रदान करते हैं।
• पछतावा है कि कूटनीति का रास्ता छोड़ दिया - उसी पर लौटना चाहिए।
• संवाद ही मतभेदों और विवादों को निपटाने का जवाब है।
• भारतीय समुदाय का कल्याण और सुरक्षा, विशेष रूप से फंसे हुए छात्रों और यूक्रेन से उनकी निकासी तत्काल प्राथमिकता।
• मानव जीवन की कीमत पर कभी भी कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है।
• यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से बहुत व्यथित हैं।
• भारत ने इस मामले पर अपनी सुसंगत, दृढ़ और संतुलित स्थिति बनाए रखी।
• भारत सभी पक्षों के संपर्क में रहा है और संबंधित पक्षों से बातचीत की मेज पर लौटने का आग्रह कर रहा है।
• वोट नहीं करके, भारत ने संवाद और कूटनीति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अंतर को पाटने और बीच का रास्ता खोजने के प्रयास में प्रासंगिक पक्षों तक पहुंचने का विकल्प बरकरार रखा।
• संकल्प के पहले के मसौदे में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के तहत प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव था, जो वह ढांचा प्रदान करता है जिसके भीतर सुरक्षा परिषद प्रवर्तन कार्रवाई कर सकती है। हालांकि, इसे अंतिम संस्करण में हटा दिया गया था जिसे मतदान के लिए रखा गया था।
देश और दुनिया की ताज़ा खबरें सबसे पहले न्यूज़ 24 पर फॉलो करें न्यूज़ 24 को और डाउनलोड करे - न्यूज़ 24 की एंड्राइड एप्लिकेशन. फॉलो करें न्यूज़ 24 को फेसबुक, टेलीग्राम, गूगल न्यूज़.