ठाकुर भूपेंद्र सिंह, गांधीनगर: मंगलवार को शुरू हुई आरएसएस और इससे जुड़े विभिन्न संगठनों के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आज संपन्न हुआ। गुजरात के गांधीनगर में आरएसएस और इससे जुड़े विभिन्न संगठनों के तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में आरएसएस ने कहा अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर भारत के स्वाभिमान और गौरव का प्रतीक होगा।
इसके साथ ही संघ ने कहा मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटाने की खातिर व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। सम्मलेन के पहले दिन किसान और बंगाल के मुद्दे पर चर्चा हुई थी।
गांधीनगर में आयोजित तीन दिवसीय बैठक के बाद आरएसएस ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर भी अपनी बात रखी।
आरएसएस ने कहा कि किसानों को सरकार के साथ बैठकर चर्चा करनी चाहिए। बातचीत से ही समाधान निकलना चाहिए। आरएसएस की बैठक आज खत्म हो गई है। संघ के सह-सरकार्यवाह कृष्णगोपाल ने कहा कि सितंबर महीने में होने वाली इस बैठक को कोरोना महामारी के चलते टालना पड़ा था।
इसके साथ ही उन्होंने केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर भी अपनी बात रखी और कहा कि किसानों को सरकार के साथ बैठकर चर्चा करनी चाहिए। बता दें कि कल सरकार और किसानों के बीच एक बार फिर से बैठक होने जा रही है। कोरोना काल के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा बच्चों को पढ़ाने पर फोकस किया गया।
साथ ही ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ऑनलाइन पढ़ाई, मोबाइल, आईपैड जैसी व्यवस्था भी संघ द्वारा की गई। वहीं नई शिक्षा नीति पर संघ का कहना है कि पहली बार ऐसी नीति तैयार की गई है, जिसमें भारतीय की झलक देखने को मिल रही है। आने वाले समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पर्यावरण के विषयों पर विशेष ध्यान देने की बात भी कही।
लोगों को पेड़ लगाने, प्लास्टिक बैन और जल संरक्षण को लेकर जागरुक करने का काम किया जाएगा। बीते साल राम मंदिर का भूमि पूजन के बाद पूरे देश में उत्साह देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने का इंतजार है। चंदा जुटाने की खातिर व्यापक जनसंपर्क शुरू किया जाएगा।
जिसके लिए वीएचपी देश की जनता के साथ मिलकर मंदिर निर्माण के लिए कार्य कर रही है। आगामी बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर भी बातचीत हुई। आरएसएस बंगाल में किस तरह से काम करे जो सीधा बीजेपी के पक्ष में जाए। इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि संघ के सभी संगठनों के सदस्य पांच लाख गांवों और 10 करोड़ से अधिक परिवारों से संपर्क कर चंदा जुटाएंगे। उन्हें राम मंदिर के निर्माण से जोड़ेंगे। संघ परिवार के लगभग 150 शीर्ष नेताओं ने इसमें हिस्सा लिया और आरएसस से संबद्ध 34 संगठनों के कामकाज पर चर्चा हुई
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