नई दिल्ली: बिहार चुनाव के मतगणना दिन से ही आरजेडी चुनाव में धांधली के एक के बाद एक आरोप लगा रही है। आरजेडी के ट्वीटर हैंडल से इस संबंध में आंकड़े पेश करते हुए कहा गया है कि NDA को कुल वोट मिला 157,00728, जबकि महागठबंधन को कुल मिला 156,88458, कुल वोट का अंतर- 12270 है।
मात्र 12270 वोट के अंतर से प्रशासन ने एनडीए को 15 सीट ज्यादा जिता दीं। इस आंकड़े पर विश्वास करने के लिए कम मार्जिन से हारने वाली 15 सीटें और भाजपा आयोग के आंकड़े देख लीजिए।
इस बीच महागठबंधन की ओर से कई तरह के आरोप लगाए गए हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि चुनाव नतीजों को अपनी तरफ मोड़ने के लिए प्रशासनिक धांधली की गई है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव का कहना है कि जनता का बहुमत महागठबंधन के साथ है। तेजस्वी ने कहा, यदि वोटों की गिनती दोबारा करा ली जाए तो महागठबंधन के खाते में 130 सीटें आ जाएंगी।
आरजेडी नेता ने कहा, जनता का फैसला महागठबंधन के पक्ष में है, जबकि चुनाव आयोग का नतीजा एनडीए के पक्ष में है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि जनादेश बदलाव का है, लेकिन एकबार फिर जनादेश की चोरी की गई है। 2015 में ऐसा किया गया था।
चुनाव आयोग ने दिया ये बयान
श्रीनिवास ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से 11 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां जीत का अंतर 1 हजार वोटों से कम था। 11 विधानसभा क्षेत्रों में से जदयू ने 4, राजद ने 3, भाजपा, लोजपा, भाकपा और निर्दलीय ने एक-एक सीट जीती हैं। सीईओ ने कहा कि इन 11 विधानसभा सीटों में से उम्मीदवारों या चुनाव एजेंटों ने छह निर्वाचन क्षेत्रों में वोटों की दोबारा गिनती कराने की मांग की थी।
पुनरीक्षण याचिका खारिज
उन्होंने कहा कि रिटर्निंग अधिकारियों ने पांच सीटों पर जीत के लिए पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया। नालंदा जिले के हिलसा निर्वाचन क्षेत्र में जीत का अंतर (12 मत) अस्वीकृत डाक मतपत्रों (182) की तुलना में कम होने के कारण फिर से गिनती की याचिका स्वीकार कर ली गई। हिलसा में जदयू के उम्मीदवार को महज 12 वोटों से जीत मिली, जबकि अस्वीकार किए गए पोस्टल बैलेट की संख्या 182 थी, जबकि पांच निर्वाचन क्षेत्रों- रामगढ़, मटिहानी, भोरे, डेहरी और परबत्ता में जीत का अंतर अस्वीकृत पोस्टल मतपत्र से अधिक था।
श्रीनिवास ने कहा कि 18 मई, 2019 को चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए नवीनतम निर्देशों के अनुसार, हिलसा के मामले में ऐसा किया गया। रिटर्निंग ऑफिसर ने हिलसा में पूरे डाक मतपत्रों की फिर से गिनती की और इस संबंध में एक तर्कपूर्ण आदेश पारित किया गया। एक प्रश्न के जवाब में सीईओ ने कहा कि उनका कार्यालय संबंधित दस्तावेज और वीडियोग्राफी की प्रति संबंधित पार्टी को उपलब्ध कराएगा।
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