नई दिल्ली: कोरोना से जंग के बीच देश आज अपना 72वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मना (Celebration) रहा है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज सुबह राजपथ पर तिरंगा फहराया। परंपरा के मुताबिक, झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान और 21 तोपों की सलामी दी गई।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे। हर बार गणतंत्र दिवस के जश्न से पहले शहीदों को इसी प्रकार श्रद्धांजलि दी जाती है।
राजपथ पर राष्ट्रपति द्वारा झंडा तोलन के बाद बाद राजपथ पर देश के अदम्य शौर्य का प्रदर्शन किया जा रहा है। दुनिया भारत की शक्ति और सांस्कृतिक विरासत की झलक देख रही है।
कोरोना से जंग के बीच देश आज अपना 72वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मना (Celebration) रहा है। इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज सुबह राजपथ पर तिरंगा फहराया। परंपरा के मुताबिक, झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान और 21 तोपों की सलामी दी गई। उसके बाद राजपथ पर देश के अदम्य शौर्य का प्रदर्शन किया जा रहा है। दुनिया भारत की शक्ति और सांस्कृतिक विरासत की झलक देख रही है।
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गणतंत्र दिवस परेड में आत्मनिर्भर भारत की झलक देखने को मिली। इसमें बायोटेक्नोलॉजी विभाग, कोरोना वैक्सीन विकसित करने, डिजिटल इंडिया, आयुष मंत्रालय की झलक दिखाई गई।
- उत्तर प्रदेश की झांकी में राजपथ पर अयोध्या में राम मंदिर की झलक दिखी।
- गुजरात की झांकी में राजपथ परदिखी सूर्य मंदिर की झलक।
- पंजाब की झांकी में सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर की गौरवगाथा को दिखाया गया है। उनकी 400वीं जयंती पर यह झांकी बनी है।
- राजपथ पर लद्दाख की सांस्कृतिक झांकी निकली। गणतंत्र दिवस पर लद्दाख की यह पहली झांकी है।
- स्वर्णिम विजय वर्ष की थीम पर है नेवी की झांकी। 1971 जंग की दिख रही है झलक।
- राजपथ पर नेशनल सिक्योरिटी गार्ड यानी एनएसजी के वीर जवानों ने की कदमताल। इसे ब्लैक कैट कमांडों के नाम से भी जाना जाता है जो 1984 में गठित हुआ था।
- राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में डीआरडीओ ने भी अपने बनाए हथियारों की झांकी दिखाई।
- गढ़वाल राइफल्स के दस्ते ने भी मार्च किया। इसे कैप्टन राजपूत सौरभ सिंह ने लीड किया।
- रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले ऊंटों की भारतीय सेना की बीएसएफ में अपनी अलग ही पहचान है। ऊंटों की ये टोली सीमा की सुरक्षा में तैनात रहने के अलावा राजपथ पर होने वाली परेड में भी हिस्सा लेकर अपनी महत्ता दिखाती है। इस बार भी बीएसएफ में ऊंटों के दस्तों ने राजसी वेशभूषा में मार्च पास्ट किया।
- 140 एयर डिफेंस रेजिमेंट की कैप्टन प्रीति चौधरी ने अपग्रेडेड शिल्का वेपन सिस्टम (Schilka Weapon system) की झांकी दिखाई।
- भारतीय वायुसेना के दस्ते में शामिल हैं देश की पहली तीन महिला फाइटर पायलटों में शामिल फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ।
- राजपथ पर 841 रॉकेट रेजिमेंट की पिनाका मल्टी लॉन्चर रॉकेट सिस्टम की झलक दिखाई गई। इसका नेतृत्व कैप्टन विभोर गुलाटी ने किया। 214 mm पिनाका दुनिया की सबसे एडवांस रॉकेट सिस्टम में शामिल है।
- 400 किलोमीटर की मारक क्षमता रखने वाला ब्रह्मोस मिसाइल देश की आन बान शान का प्रतीक है जिसकी गति ध्वनि की रफ्तार से भी तीन गुणा ज्यादा है।
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का राजपथ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति मंच पर पहुंचे और तिरंगा फहराया गया।
नेशनल वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद पीएम मोदी ने विजिटर्स बुक पर विचार लिखें। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल बिपिन रावत, तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे। हर बार गणतंत्र दिवस के जश्न से पहले शहीदों को इसी प्रकार श्रद्धांजलि दी जाती है।
आज के ही दिन हमारे देश को अपना संविधान मिला था। 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था। संविधान लागू होने के बाद हमारा देश एक गणतंत्र देश बना।
गणतंत्र दिवस 2021 के मौके पर इस साल कोई चीफ गेस्ट नहीं होगा। ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन को इस साल मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था लेकिन ब्रिटेन में नए कोरोना स्ट्रेन के प्रकोप के चलते उन्हें अपनी यात्रा रद करनी पड़ी। आपको बता दें कि इससे पहले भारत में 1952, 1953 और 1966 में भी गणतंत्र दिवस परेड के लिए मुख्य अतिथि नहीं थे।
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