प्रभाकर मिश्रा, नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन का आज 44वां दिन है, लेकिन अब तक कोई फाइनल समाधान नहीं निकला है। आज दोपहर को दो बजे एक बार फिर किसान संगठन और केंद्र सरकार के बीच बैठक होनी है, लेकिन मीटिंग से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने आशंका जताया है कि आज भी कोई समाधान नहीं निकलेगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार आज एक नया प्रपोजल बनाकर देगी और मीटिंग वहीं खत्म हो जाएगी। इसके अगली बैठक में सबकुछ ठीक हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी तीन तारीख लगेगी और उसके बाद मामला पटरी पर आ जाएगा।
टिकैत ने कहा कि जब हम यहां पर आए थे तो हमने कहा था कि सरकार 40 दिन का कोर्स लेगी। उसका आराम 41 दिन में होगी। यह 60 की खुराक लेंगे और उसके बाद ही मानेंगे। उन्होंने साफ कहा कि सरकार 26 जनवरी से पहले मामले को सुलझाने की कोशिश करेगी।
हालांकि सरकार की ओर से आंदोलन खत्म कराने के लिए तमाम तरह की कोशिशें की जा रही है। सरकार ने बाबा लक्खा सिंह को किसानों को एक प्रपोजल दिया है। जिसमें कहा गया है कि तीनों कृषि कानूनों को राज्य सरकार के ऊपर छोड़ दिया जाए।
30 दिसंबर को किसानों और सरकार के बीच हुई सातवें दौर की बातचीत में 2 मुद्दों पर तो सहमति बन गई है, लेकिन 2 मुद्दों पर अभी भी पेंच फंसा हुआ है।
इन 2 मुद्दों पर फंसा है पेंच
किसान जहां तीनों कृषि कानून वापस लेने पर अड़े हुए हैं। वहीं, सरकार कानून वापस लेने को फिलहाल राजी नहीं है। सरकार कानून को वापस लेने की वजाय संशोधन को तैयार है।
दूसरा मुद्दा MSP का है। किसान MSP को कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। वहीं, सरकार MSP को कानूनी नहीं बल्कि लिखित गारंटी देने को तैयार है।
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