नई दिल्ली: लद्दाख में बढ़ते तनाव के बीच मास्को में भारत और चीन के बीच बैठक हुई। 2 घंटे 20 मिनट चली इस बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के विदेश मंत्री को अपने इरादे साफ करते हुए ये कह दिया कि चीन लद्दाख में बढ़ रहे तनाव को कम करे और अपनी सैना को पीछे हटाए। सूत्रों की माने तो इस बैठक के दौरान राजनाथ सिंह का लहज़ा काफी कड़क था।
तनाव को कम करने के लिए रूस के मॉस्को में रक्षा मंत्री राजनाथ सिहं और उनके चीनी समकक्ष वेई फेंघे की बीच मुलाकात हुई, जिसमें सीमा पर जारी विवाद को लेकर कई बातों पर चर्चा हुई। सूत्रों की माने तो इस बैठक के दौरान पूर्वी लद्दाख में जारी सैन्य तनाव पर बातचीत हुई, जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को यथास्थिति पर लौट जाने के लिए कहा। इस दौरान दोनो रक्षामंत्री इस बात पर सहमत थे कि सीमा विवाद का हल बातचीत से ही संभव हैं, लेकिन भारत ने चीन से पैंगोंग त्सो, गोर्गा और देपसांग से सेना तुरंत हटाने के लिए कहा। साथ ही LAC की अपनी तरफ चीन द्वारा किये गए सैनिक जमावड़े पर भी भारत ने चीन को घेरा।
इस बैठक के दौरान राजनाथ सिंह के साथ चीन से बात करने वाले प्रतिनिधमंडल में दूसरे लोगों के अलावा रक्षा सचिव अजय कुमार और विदेश मंत्रालय में पूर्व एशिया देखने वाले विभाग में जॉइंट सेक्रेटरी नवीन श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
बता दें कि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक हिस्सा लेने गए थे, लेकिन इस दौरान भारत और चीन मुलाकात हुई। जिसकी पहल चीन ने ही की थी और चीन का प्रतिनिधीमंडल राजनाथ से मिलने उसी होटल में आया था, जहां रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ठहरे हुए थे।
इस मुलाकात चीन की पहल चीन तरफ से ऐसे वक्त में हुई जब करीब 4 महीनों से LAC पर तनाव जारी है। पहले ये मीटिंग तय नहीं थी, लेकिन जब बैठक हुई तो भारत ने सख्त लहजे में अपनी बात को साफ कर दिया कि जैसा सवाल होगा उससे कई ज्यादा कड़ा जवाब होगा और इस बात को किस तरह से हिंदुस्तान ने कहा होगा, इसका अंदाजा रक्षामंत्री के बॉडी लैंग्वेज से साफ लगाया जा सकता है।
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