अमित कुमार, नई दिल्ली: वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर चीन की हर चालबाजी पर भारत की पैनी नजर है। सरहद पर भारत चीन की हर गुस्ताखी का मुस्तैदी से जवाब देने के लिए तैयार है। भारतीय सैनिक जहां सरहद पर चीन को करार जवाब देने के लिए तैयार है वहीं रणनीतिक और कुटनीतिक मोर्चे पर भारत चीन पर भारत पर रहा है। इसी कड़ी में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज राज्यसभा में बयान देंगे। चीन से सीमा पर जारी विवाद के मसले पर राजस्थान ने मंगलवार को लोकसभा में बयान दिया था। आपको बता दें कि विपक्ष लगातार कर रहा था सरकार से चीन से जारी तनाव पर बयान मांग कर रहा है।
राजनाथ सिंह ने सख्त लहजे में कहा कि भारत शांतिपूर्ण तरीके से सीमा मुद्दे के हल के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन पड़ोसी देश द्वारा यथास्थिति में एकतरफा ढंग से बदलाव का कोई भी प्रयास भारत को स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हम पूर्वी लद्दाख में चुनौती का सामना कर रहे हैं, हम मुद्दे का शांतिपूर्ण ढंग से हल करना चाहते हैं और हमारे सशस्त्र बल देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए डटकर खड़े हैं। साथ ही रक्षामंत्री ने कहा कि इस सदन को प्रस्ताव पारित करना चाहिए कि यह सदन और सारा देश सशस्त्र बलों के साथ है।
चीन से जारी तनाव पर राजनाथ सिंह की बड़ी बातें...
- राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि मैं सभी सदस्यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम किसी भी परस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं।
- राजनाथ सिंह ने कहा, 'मैं सदन से यह अनुरोध करता हूं कि हमारे दिलेरों की वीरता एवं बहादुरी की भूरि-भूरि प्रशंसा करने में मेरा साथ दें। हमारे बहादुर जवान अत्यंत मुश्किल परिस्थतियों में अपने अथक प्रयास से समस्त देशवासियों को सुरक्षित रख रहे हैं।'
- लोकसभा में राजनाथ सिंह ने कहा, 'सरकार ने पिछले कुछ हफ्तों में सीमा पर इंफ्रास्ट्रचर को तवज्जो दी है। पिछले कुछ समय में चीन के जवानों की संख्या सीमा पर बढ़ी है।'
- संसद में राजनाथ सिंह ने कहा- दोनों पक्षों को LAC का सम्मान और कड़ाई से पालन करना चाहिए। किसी भी पक्ष को अपनी तरफ से यथास्थिति का उल्लंघन करने का प्रयास नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, दोनों पक्षों के बीच सभी समझौतों का पालन होना चाहिए।
- राजनाथ सिंह ने कहा कि 15 जून को चीनी सेना ने गलवान घाटी में हिंसक झड़प की। हमारे बहादुर सेना के जवानों ने अपनी जान का बलिदान किया और चीनी सेना के जवानों को भी काफी क्षति पहुंचाई है।
- राजनाथ सिंह ने कहा कि अप्रैल महीने से पूर्वी लद्दाख में चीनी सेनाओं में काफी वृद्धि देखी गई। इसके बाद मई महीने में गलवान घाटी में आमना-सामना हुआ। चीन द्वारा मई महीने के मध्य में पश्चिमी लद्दाख के कई क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की थी। हमने चीन से कूटनीतिक और सैन्य बातचीत के जरिए से साफ करा दिया कि यह एकतरफा सीमा को बदलने की कोशिश है और हमें यह मंजूर नहीं है।
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