के.जे.श्रीवत्सन, जयपुर: राजस्थान में लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था के नाम पर बीजेपी ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बड़ा मोर्चा खोल दिया है। जहां बीजेपी के एक प्रतिनिधि मंडल ने राजभवन जाकर राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन देकर लचर कानून और व्यवस्था को सुधारने का सरकार को निर्देश देने की मांग की वहीं इस मुद्दे पर काफी समय से खामौश बैठी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी ट्वीट के जरिये सरकार पर विफलता के आरोप लगाए।
जहां राजस्थान में बीजेपी अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरी थी वहीं 48 घंटे बाद वैसे ही कुछ आरोपों के साथ राजभवन का दरवाजे पर पहुंच गई। राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन जाकर राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की और उन्हें गहलोत सरकार की नाकामियों को लेकर ज्ञापन दिया।
राजभवन जाने वालो। ने पूनिया के अलावा प्रतिपक्ष के नेता गुलाब कटारिया , उपनेता राजेन्द्र राठौड़, प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर और सांसद जसकौर मीना शामिल थे। अपने ज्ञापन में बीजेपी नेताओं ने राजस्थान में महिलाओं और बच्चियों के साथ बढ़ रहे गेंगरेप और दुष्कर्म दलितों पर बढ़ते अत्याचार जैसी शिकायत की। लगे हाथों कहा कि मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग की भी अतिरिक्त जिम्मेदारी है लेकिन वे कानून और व्यस्था को नियंत्रित करने में विफल रहे हैं, ऐसे में आने वाले दिनों में बीजेपी ने बड़े स्तर पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की भी चेतावनी दी।
हमने राज्यपाल महोदय से आग्रह किया है कि राजस्थान अपराधों की राजधानी बन रहा है, ऐसे में वे संस्था के प्रमुख के नाते यहां की कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा कराए और इसे इस सरकार के भरोसे ना छोड़े। उन्होंने भरौसे दिलाया है की वे कानून व्यवस्था की समीक्षा करायेंगे। इस सरकार ने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर भी हमला कर उसे दमन करने का काम किया है। कहीं धमकिया दी जा रही हैं, कहीं मुकदमे दर्ज हो रहे हैं. यह लोककल्याणकारी सरकार का कदम नहीं कहा जा सकता है कि वह मीडिया पर पहरा बैठा दे।
अब तक अशोक गहलोत के खिलाफ नरमी का रुख दिखाने वाली पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी कानून और व्यवस्था की आड़ में पहली बार ट्वीटर के जरिये ही सही लेकिन सरकार पर हमलावर नजर आई। अपनी ही पार्टी की प्रदेश इकाई के नेताओं से दूरी बनाकर उनकी सरकार को घेरने वाले अभियान में खुलकर इन दिनों साथ दिखाई नहीं देने वाली वसुंधरा राजे भले ही जयपुर में हुए बीजेपी के हल्ला बोल प्रदर्शन से नदारद रहीं, लेकिन हाल ही में रेप की घटनाओं पर एक के बाद एक ट्वीट कर राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करने की मानों उन्हें अचानक याद आ ही गई।
वसुंधरा राजे ने अपने ट्वीटर हेंडल पर इसे 'जंगलराज' की स्थिति बताते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच शर्मसार करने वाली ये घटनाएं सभ्य समाज को चुनौती देती हैं। प्रदेश में लगातार हो रही रेप और गैंगरेप की घटनाओं पर कहा कि दुष्कर्म की घटनाएं मानवता को शर्मसार करने वाली हैं। उन्होंने नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का हवाला देते हुए कहा कि NCRB के मुताबिक राजस्थान दुष्कर्म के मामलों में देश में सबसे ऊपर है। वसुंधरा ने लिखा कि पिछले कुछ दिनों से राजस्थान मीडिया में ऐसी कोई हैडलाइन नहीं है जिसमें दुष्कर्म की घटनाओं का जिक्र ना हो। राजस्थान में जंगलराज की स्थिति चरम पर है और सरकार का पुलिस-प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं है। राजे के सक्रिय होने के बाद बीजेपी ने भी सरकर के खिलाफ अपने आन्दोलन को तेज करने का ऐलान किया है।
सतीश पूनिया का कहना है कि मुख्यमंत्री जी पीड़ित बच्चियों को न्याय दिलाने में सक्षम नहीं रहे हैं। वे उनके साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं। इसीलिए अपराधों के खिलाफ आन्दोलन कर रहे हैं। कोरोना का वक्त है लेकिन अपराध का संक्रमण उससे भी ज्यादा खतरनाक है। सोशल मीडिया पर भी हमने आन्दोलन चलाया और बताया कि राजस्थान क्राइम केपिटल है। हमारी मंशा नहीं थी की कोरोना की एड्वाईजरी तोड़े, लेकिन आक्रोश लोगों का उमड़ा और सरकार के खिलाफ आन्दोलन किया।
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