के जे श्रीवत्सन, जयपुर: इस साल आने वाला 2 अक्तूबर का दिन राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार के लिए काफी ख़ास रहेगा। ख़ास इस लिहाज़ से की इस दिन सरकार सूबे की जनता को बताएगी की उसने साल 2018 में विधानसभा चुनाव जितने के बाद से अब तक चुनावों में किये अपने कितने वादों को पूरा किया है। और अगले तीन साल के लिए विकास से जुड़ा उसका 'रोडमैप' क्या रहेगा? सरकार अपनी रिपोर्ट कार्ड को जनता के बीच रखने से पहले इसे कितनी गंभीरता से ले रही है इसका अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है की खुद पिछले 15 दिनों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हर रोज सभी विभागों के मंत्रियों और अधिकारीयों की समीक्षा बैठक लेकर इस रिपोर्ट कार्ड को खुद तैयार करने में जुटे हैं।
साल 2018 के विधानसभा चुनावों में जनता के विकास से जुड़े तमाम वादों और इरादों के साथ कांग्रेस सत्ता में आई थी लेकिन उसके बाद लक सभा चुनाव, फिर देश भर में छायी आरती मंदी और फिर कोरोनाकाल का आगमन। ऐसे में सवाल पूछे जाने शुरू हो गए की आखिरकार राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने जनता के विकास के अपने चुनावी वादों को कितना पूरा किया। बस जब कांग्रेस नेताओं को यह सवाल अखरने लगा तो अब राजस्थान कांग्रेस की तरफ से 2 अक्तूबर को गांधी जयंती के दिन सरकार का रिपोर्ट कार्ड आम जनता के सामने रखने का एलान कर दिया गया। इसके तहत कांग्रेस के नेता बताएंगे की आम जनता के साथ विधानसभा चुनावों में जो वादे करके वह सत्ता में आई है उसके उसने कितना पूरा किया। सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद हर डोज पिछले 15 दिनों से अलग अलग सभी विभागों के मंत्रियों और अधिकारीयों के साथ मैराथन समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। लगभग सभी विभागों की जन घोषण पत्र को लेकर बैठके भी वे कर चुके हैं। ताकि पौने 2 साल की उपलब्धियों को जनता के बीच रखा जा सके।
दरअसल राजस्थान कांग्रेस के नए प्रभारी अजय माकन ने 31 अगस्त को अचानक सरकार के रिपोर्टी कार्ड को जनता के सामने रखने का एलान किया गया था। पहले अजय माकन ने खुद मंत्रियों से उनके विभागों के कामकाज को लेकर बैठकें की और फिर अपनी ही पार्टी की सरकार को निर्देश देकर रिपोर्ट कार्ड पेश करने को कहा। सरकार का दावा है की उसने अपने चुनावी जन घोषणा पत्र के 60 से 70 फीसदी वादों को अब तक पूरा कर लिया है और यह सब इसलिए संभव हो पाया है।
क्योंकि सत्ता में आने के एक हफ्ते के भीतर ही संबंधित मंत्रियों ने मुख्य सचिन के साथ बैठक करके सभी विभागों के अधिकारीयों को 'जन घोषणा पत्र' सौंप दिए थे ताकि उनके आधार पर विकास योजनाओं का रोडमैप तैयार किया जा सके। लेकिन, बीजेपी का कहना है की गहलोत सरकार की रिपोर्ट कार्ड का उसे सबसे ज्यादा इंतजार है क्योंकि वह मानती है की सरकार मर मोर्चे पर विफल रही है। यहां तक की जन घोषण पत्र में 'अब होगा न्याय' का जो नारा दिया था वह कहीं नज़र ही नहीं आ रहा है।
राजस्थान बीजेपी प्रवक्ता मुकेश दादिच का कहना है कि 'यह अच्छी बात है की सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड रख रही है अब जनता को पता चल जाएगा की सरकार के वादों और इरादों की हकीकत क्या है। चुनाव में अब होगा अन्याय का नारा दिया गया था लेकिन कांग्रेस के राज में अब तक किसी भी वर्ग के साथ न्याय नहीं हुआ है। अपराध और बजारी माफिया बढे हैं, हमारा दावा है की एक भी बेरोजगार को आज तक सरकार ने इन 18 महीनों में कोई नौकरी नहीं दी है। यदि है तो सरकार उसका नाम बताकर सच्चाई सामने लाये।'
बहरहाल आरोप प्रत्यारोप अपनी जगह हो सकते हैं, लेकिन सरकार के रिपोर्ट कार्ड को लेकर अब कुछ विभागों में जबरदस्त खलबली है क्योंकि चुनावी वादों को पूरा करने में हो रही देरी को लेकर उनकी भी जवाबदेही तय होगी। वैसे कांग्रेस के जन घोषणा पत्र के पालन के लिए AICC द्वारा गठित मेनिफेस्टो कमिटी की पहली बैठक गुरूवार को जयपुर में होने वाली है, जो की सरकार की तैयार होने वाली रिपोर्ट की जमीनी हकीकत को परखेगी। हालांकि इस कमिटी का गठन इस साल जनवरी महीने में ही कर दिया गया था लेकिन आज तक उसकी एक भी बैठक नहीं हो पायी है। ऐसे में सरकार की 2 अक्टूबर को पेश होने वाले रिपोर्ट कार्ड से पहले इस बैठक को भी काफी अहम माना जा रहा है।
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