रमन कुमार, नई दिल्ली: राजस्थान में सियासी संकट में नया मोड़ सामने आया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सचिन पायलट और उनके विधायक की कांग्रेस पार्टी में वापसी हो सकती है। सूत्रों ने बताया है कि इसके लिए पार्टी एक कमेटी बनाएगी जो पायलट और उनके समर्थक विधायकों की मांग पर गौर करेगी। आज यह यह खबर सामने आई थी कि सचिन पायलट इस समय राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के लगातार संपर्क में हैं।
राहुल-प्रियंका ने मनाया
सूत्रों ने बताया कि राहुल और प्रियंका नहीं चाहते हैं कि सचिन पार्टी से अलग हों, ऐसे में वह खुद इस मामले में सामने आकर सचिन पायलट से बात कर रहे हैं। सूत्रों ने जानकारी दी कि इस बार सचिन पायलट मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे। लेकिन उनके विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। कहा जा रहा है कि करीब 2 घंटे तक राहुल गांधी और प्रियंका से सचिन पायलट ने मुलाकात की है। अब राहुल और प्रियंका कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करके उन्हें पूरी जानकारी देने निकले हैं। सूत्रों के अनुसार, राहुल और प्रियंका ने 12 तुगलक लेन पर सचिन और उनके विधायकों से मुलाकात ही है। इसके साथ ही सचिन पायलट को राजस्थान से दूर बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।
आलाकमान लेगा फैसला: गोविंद सिंह
सचिन पायलट के राहुल और प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद राजस्थान के राजनीतिक संकट पर बोले कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि अभी तक उनके पास किसी भी बागी विधायकों की तरफ से कोई सूचना नहीं आई है। आलाकमान अपने विवेक से जो भी फैसला लेगा अच्छा ही फैसला लेगा। हम सभी उस फैसले को मानेंगे। यदि सचिन पायलट और बागी विधायक राजस्थान आना चाहते हैं तो उन्हें यहां पर पूरी सुरक्षा है। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही सरकार पूर्ण बहुमत के साथ आगे भी काम करेगी।
रविवार को मीडिया से बात करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 14 अगस्त को विधानसभा सत्र शुरू होने के बाद जीत का भरोसा जताया। हार्स ट्रेंडिग के व्यापार के प्रयासों को विफल बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के लोग कांग्रेस सरकार के साथ हैं। उन्होंने यह दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का लक्ष्य राज्य सरकारों को पछाड़ना है, गहलोत ने कहा कि ऐसे लोग सत्ता में हैं।
राजस्थान के सीएम ने उल्लेख किया कि उन्होंने सभी विधायकों को एक पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि वे लोगों की आवाज हैं। उन्होंने उनसे अपने विवेक के अनुसार कार्य करने का आग्रह किया। गहलोत ने आरोप लगाया कि उन्हें किसी से मिलने की अनुमति नहीं है और सैकड़ों बाउंसरों से घिरे हैं। उन्होंने कहा कि हार्स ट्रेडिंग और 19 पायलट खेमे के विधायकों पर अभद्रता करने के आरोपी भाजपा नेताओं के खिलाफ "हर घर में" गुस्सा है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि ज्यादातर असंतुष्ट विधायक इस बात को समझेंगे और कांग्रेस के पाले में लौटेंगे।
राजस्थान का राजनीतिक संकट
राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने 19 विधायकों को बर्खास्त कर दिया, जिसके कारण प्रदेश में संकट है, जिसमें बर्खास्त डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी शामिल हैं। दूसरी ओर, गहलोत खेमे से संबंधित कांग्रेस विधायक हार्स ट्रेडिंग के कथित प्रयासों को रोकने के लिए जैसलमेर में हैं। कथित अवैध प्रयासों को रोकने के लिए भाजपा ने अपने कुछ विधायकों को गुजरात भी भेजा है। चूंकि विधानसभा सत्र 14 अगस्त से चल रहा है, इसलिए विपक्ष फ्लोर परीक्षण की मांग कर रहा है। गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार के अस्तित्व के लिए बीएसपी के 6 विधायकों महत्वपूर्ण है।
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