नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया कि पिछले 17 दिनों में 11 किसानों की मौत हो गई। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी पूछा कि केंद्र द्वारा तीन कृषि क्षेत्र के कानूनों को निरस्त करने से पहले कितने और किसान भाइयों को बलिदान देना होगा।
केंद्र सरकार पर हमला करते हुए राहुल गांधी ने ट्विटर पर पूछा, "कृषि कानूनों को हटाने के लिए हमारे किसान भाइयों को और कितने बलिदान देने होंगे?"
दो सप्ताह से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न बॉर्डरों पर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच कम से कम पांच दौर की औपचारिक वार्ता हुई है, लेकिन किसान यूनियनों ने अपनी मुख्य मांग को जारी रखते हुए गतिरोध जारी रखा है और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले 17 दिनों में 11 किसान भाईयों की शहादत के बावजूद निरंकुश मोदी सरकार का दिल नहीं पसीज रहा। वह अब भी अन्नदाताओं नहीं, अपने धनदाताओं के साथ क्यों खड़ी है? देश जानना चाहता है-“राजधर्म” बड़ा है या “राजहठ” ?
इस बीच संसद के पिछले मानसून सत्र में केंद्र द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी के बॉर्डरों पर किसानों का विरोध शनिवार को 17वें दिन में प्रवेश कर गया है। किसानों की यूनियनों ने अब रेलवे पटरियों को अवरुद्ध करने की धमकी दी है।
सितंबर में लागू तीन कृषि कानूनों को सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के रूप में पेश किया गया है जो बिचौलियों को दूर करेगा और किसानों को देश में कहीं भी फसल बेचने की अनुमति देगा।
हालांकि, प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि नए कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य की सुरक्षा समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे और मंडियों के साथ बड़े कॉर्पोरेट्स की दया पर छोड़ देंगे।
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