रमन झा, न्यूज 24, नई दिल्ली (29 जुलाई): देश में राफेल का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। फ्रांस से चलकर राफेल UAE पहुंच चुका हैं। अब से थोड़ी देर बाद राफेल अंबाला एयरबेस पर पहुंच जाएंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 5 राफेल विमान कल दोपहर 1 बजे से 3 बजे के बीच अंबाला एयरबेस पर पहुंचेंगे। यहां वायुसेना प्रमुख आरके एस भदौरिया राफेल का स्वागत करेंगे। इसको लेकर अंबाला छावनी के आसपास हाई अलर्ट जारी किया गया है। अंबाला एयरफोर्स स्टेशन के आसपास धारा 144 लागू कर दी गई है। छावनी के 3 किलोमीटर की रेंज को नो ड्रोन जोन घोषित किया गया है।
भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती हिमालय क्षेत्र में है। लद्दाख, सियाचिन, करगिल जैसे युद्ध क्षेत्र दुनिया के सबसे मुश्क़िल युद्ध क्षेत्र कहलाते हैं। लेकिन, हिंदुस्तान की सेनाओं ने हमेशा अपने हिमालय जैसे हौसले के दम पर दुश्मनों को सरहद पर सबक सिखाया है। लेकिन, हिमालय रीजन के इन युद्ध क्षेत्रों में भारत को दोतरफा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
एक तरफ चीन है और दूसरी तरफ़ पाकिस्तान एक साथ दो मोर्चों पर जंग लड़ना आसान नहीं है। लेकिन, दुश्मनों की साज़िशों का कोई भरोसा नहीं। इसलिए हिंदुस्तान अब टू फ्रंट वॉर के लिए ख़ुद को तैयार कर रहा है और इस तैयारी में राफेल सबसे भरोसेमंद योद्धा साबित होगा। फ्रांस के लड़ाकू विमान राफेल को भारतीय वायुसेना की ज़रूरतों और चुनौतियों के हिसाब से तैयार किया गया है।
-राफेल क्यों है 'ठंडे ख़ून वाला' ब्रह्मास्त्र ?
- राफेल पर ठंड का कोई असर नहीं होता।
- इसमें कोल्ड इंजन स्टार्ट की क्षमता है।
- कम तापमान का इंजन पर कोई असर नहीं होता।
- बफीर्ले पहाड़ों में मौजूद बेस से उड़ान भर सकता है।
- हिमालय रीजन में कभी भी बारिश होने लगती है।
- राफेल बारिश में भी आसानी से उड़ान भर सकता है।
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