नई दिल्ली: फ्रांस से खरीदे गए राफेल फाइटर जेट को औपचारिक रूप से 10 सितंबर को भारतीय वायु सेना (IAF) के बेड़े में शामिल किया जाएगा। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 10 सितंबर को एक समारोह में हरियाणा के अंबाला हवाई अड्डे पर औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना (IAF) में पांच राफेल लड़ाकू जेट विमानों को शामिल करेंगे। जिसके लिए फ्रांसीसी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पाली को भी बुलाया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रक्षा सूत्रों ने बताया है कि समारोह रूस से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की वापसी के बाद होगा। रक्षा मंत्री रूस में 4 से 6 सितंबर तक शंघाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने जा रहे हैं। सूत्र ने कहा, 'औपचारिक रूप से राफेल फाइटर जेट की स्थापना का कार्यक्रम 10 सितंबर को होगा, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचेंगे। भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक मित्रता को चिह्नित करने के लिए इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए फ्रांसीसी रक्षा मंत्री को निमंत्रण भेजा जा रहा है।'
बता दें कि 5 राफेल फाइटर जेट 29 जुलाई को फ्रांस से भारत पहुंचे थे। देश में 24 घंटे के भीतर व्यापक प्रशिक्षण शुरू किया गया था। फ्रांसीसी मूल के लड़ाकू विमान वायुसेना के 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं। लद्दाख क्षेत्र में ये लड़ाकू जेट पहले ही उड़ान भर चुके हैं। जो देश के विभिन्न हिस्सों में उड़ान भरते हैं, वे क्षेत्र से परिचित हैं। भारत आने वाले पांच राफेल विमानों में से तीन में सिंगल सीट, दो डबल सीट शामिल हैं।
राफेल की ताकत
हवा से हवा में मार करने वाली बियांड विजुअल रेंज मिसाइल से लैस होगा।
राफेल में लगी स्कैल्प मिसाइल किसी भी बंकर को सेकेंडों में तबाह कर सकती है।
इसमें लगी घातक मिसाइलों की रेंज करीब 560 किलोमीटर है।
राजस्थान का तपता रेगिस्तान हो या लद्दाख के बर्फ से लदे पहाड़, किसी भी मौसम में दुश्मन की हर हिमाकत का जवाब देने में राफेल सक्षम है।
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