नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात (Mann Ki Baat) के जरिए देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी का मन की बात का ये 75वां संस्करण था। वहीं मन की बात 2.0 का 22वां संस्करण था। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना से जंग में भारत दुनिया के लिए मिसाल बना।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले साल मार्च का ही महीना था, जब देश ने पहली बार जनता कर्फ्यू शब्द सुना था। पीएम मोदी ने कहा कि इस महान देश की महान प्रजा की महाशक्ति के अनुभव ने जनता कर्फ्यू पूरे विश्व के लिए एक अचरज बन गया था। अनुशासन का ये अभूतपूर्व उदाहरण था, आने वाली पीढ़ियां इस एक बात को लेकर के जरूर गर्व करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में कहा कि जनता को इस बात का अंदाजा नहीं कि हमारे कोरोना योद्धाओं के प्रति सम्मान, आदर, थाली बजाना, ताली बजाना, दिया जलाना उनके दिल को कितना छू गया। पीएम मोदी ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक मंत्री हमेशा याद रखने की हिदायत दी और कहा कि इन सबके बीच, कोरोना से लड़ाई का मंत्र भी जरुर याद रखिए - ‘दवाई भी - कड़ाई भी’।
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में कहा कि किसी स्वाधीनता सेनानी की संघर्ष गाथा हो, किसी स्थान का इतिहास हो, देश की कोई सांस्कृतिक कहानी हो, ‘अमृत महोत्सव’ के दौरान आप उसे देश के सामने ला सकते हैं, देशवासियों को उससे जोड़ने का माध्यम बन सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि ‘अमृत महोत्सव’ ऐसे ही प्रेरणादायी अमृत बिंदुओं से भर जाएगा और फिर ऐसी अमृत धारा बहेगी जो हमें भारत की आजादी के सौ वर्ष तक प्रेरणा देगी। देश को नई ऊंचाई पर ले जाएगी, कुछ-न-कुछ करने का जज्बा पैदा करेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कृषि जगत में आधुनिकता समय की मांग है। कृषि क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए, किसानों की आय को दोगुना करने के लिए परंपरागत कृषि के साथ ही नए विकल्पों को अपनाना भी बेहद जरूरी है। पीएम मोदी ने कहा कि श्वेत क्रांति के दौरान इसे अनुभव किया गया है। उन्होंने कहा कि अब बी फॉर्मिंग भी ऐसा विकल्प बनता जा रहा है। बड़ी संख्या में किसान इससे जुड़ रहे हैं। दार्जिलिंग में लोगों ने हनी फॉर्मिंग का काम शुरू किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात में लोगों को एक मंत्र दिया और कहा कि हमें नया तो पाना है और वही तो जीवन होता है लेकिन साथ-साथ पुरातन गंवाना भी नहीं है। हमें बहुत परिश्रम के साथ अपने आस-पास मौजूद अथाह सांस्कृतिक धरोहर का संवर्धन करना है, नई पीढ़ी तक पहुंचाना है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ दिन पहले विश्व गोरैया दिवस मनाया गया था। उन्होंने कहा कि गोरैया को कहीं चकली बोलते हैं, कहीं चिमनी बोलते हैं, कहीं घान चिरिका कहा जाता है। आज इसे बचाने के लिए हमें प्रयास करने पड़ रहे हैं। अपनी मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने बनारस के एक साथी इंद्रपाल सिंह बत्रा का जिक्र किया और कहा कि गोरैया को बचाने के लिए बत्रा जी ने अपने घर को ही गोरैया का आशियाना बना दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुजरात के सुरेंद्र नगर जिले में जिन्झुवाड़ा नाम की जगह पर एक लाइट हाउस है, वहां से अब समुंद्र तट सौ किलोमीटर से भी अधिक दूर है। पीएम मोदी ने कहा कि आपको इस गांव में ऐसे पत्थर भी मिल जाएंगे, जो यह बताते हैं कि, यहां, कभी, एक व्यस्त बंदरगाह रहा होगा। इसका मतलब ये है कि पहले कोस्ट लाइन जिन्झुवाड़ा तक थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में पर्यटन को बढ़ावा देने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भारत में भी 71 लाइट हाउस की पहचान की गई है। इन सभी लाइट हाउस में उनकी क्षमताओं के मुताबिक संग्रहालय, एंफीथिएटर, ओपन एयर थिएटर, कैफे, बच्चों के लिए पार्क, ईको फ्रेंडली कॉटेज और लैंडस्कैपिंग तैयार किए जाएंगे।
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