अमित कुमार, नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज कोच्चि-मंगलुरु प्राकृतिक गैस पाइपलाइन (Kochi Mangaluru Natural Gas Pipeline) का उद्घाटन किया। केरल के कोच्चि और कर्नाटक के मंगलुरू के बीच बिछाई गई यह नैचुरल गैस पाइपलाइन कुल 450 किलोमीटर लंबी है। इस गैस पाइपलाइन परियोजना की कुल लागत करीब 3000 करोड़ रूपये थी। गेल (इंडिया) लिमिटेड द्वारा तैयार की गई इस पाइपलाइन की परिवहन क्षमता 12 मिलियन मीट्रिक मानक क्यूबिक मीटर प्रतिदिन बताई जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी इस कार्यक्रम में शामिल हुए, जिसमें कर्नाटक, केरल के मुख्यमंत्री भी मौजूद रहे। 'एक राष्ट्र, एक गैस' ग्रिड के निर्माण की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस मौके पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोच्चि-मंगलुरु पाइप लाइन इस बात का बहुत बड़ा उदाहरण है कि विकास को प्राथमिकता देते हुए सभी मिलकर काम करें, तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि केरल-कर्नाटक के लोगों के लिए आज का दिन काफी अहम है। इस पाइपलाइन के जरिए दोनों राज्यों की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। ये इस बात का उदाहरण है कि विकास को प्राथमिकता देते हुए सभी मिलकर काम करें, तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आज देश में वन नेशन-वन गैस ग्रिड पर काम हो रहा है, गैस इकॉनोमी खड़ा करना आज की जरूरत है। आज जिस पाइपलाइन की शुरुआत हो रही है, उससे दोनों राज्यों के लोगों की ईज ऑफ लिविंग को बढ़िया करेगी, साथ ही उद्योगों के खर्च में कटौती लाएगी।
साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उज्ज्वला योजना जैसी स्कीम से देश में 8 करोड़ परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंचा. कोरोना काल में देश में रसोई गैस की किल्लत कभी नहीं हुई, हमने करीब 12 करोड़ मुफ्त सिलेंडर उपलब्ध कराए। उन्होंने कहा कि पाइपलाइन के निर्माण के दौरान 12 लाख मानवीय घंटे का रोजगार बना। पाइपलाइन बनने के बाद भी अब रोजगार के क्षेत्र में फायदा मिलेगा। भारत क्लाइमेट चेंज को लेकर सबसे बेहतर काम कर रहा है, दुनिया ने भी इस बात को माना है। आज हिंदुस्तान डिजिटल, गैस, हाइवे, आईवे कनेक्टविटी पर जोर दिया जा रहा है।
आपको बता दें कि यह पाइप लाइन कोच्चि (केरल) में लिक्विफाइड नेचुरल गैस (एलएनजी) रीगैसिफिकेशन टर्मिनल से मंगलुरु (दक्षिणा कन्नड़ जिला, कर्नाटक) तक प्राकृतिक गैस ले जाएगा, जबकि एर्नाकुलम, त्रिशूर, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर और कासरगोड जिलों से होकर गुजरेगा। परियोजना की कुल लागत लगभग 3,000 करोड़ रुपये थी और इसके निर्माण ने 12 लाख से अधिक मानव-दिवसीय रोजगार पैदा किया. पाइपलाइन बिछाना एक इंजीनियरिंग चुनौती थी क्योंकि पाइपलाइन के मार्ग के कारण 100 से अधिक स्थानों पर जल निकायों को पार करना आवश्यक था। यह क्षैतिज दिशात्मक ड्रिलिंग विधि नामक एक विशेष तकनीक के माध्यम से किया गया था।
यह पाइपलाइन घरों को पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) के रूप में पर्यावरण के अनुकूल और किफायती ईंधन की आपूर्ति करेगी और परिवहन क्षेत्र को संकुचित प्राकृतिक गैस (CNG) देगी। यह पाइपलाइन के साथ-साथ जिलों में वाणिज्यिक और औद्योगिक इकाइयों को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति भी करेगा। स्वच्छ ईंधन की खपत से वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाकर वायु गुणवत्ता में सुधार लाने में मदद मिलेगी।
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