अमित कुमार, नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (NASSCOM) के वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए हैं। यह नैसकॉम का प्रमुख आयोजन है। एनटीएलएफ (NTLF) के 29वें संस्करण का आयोजन 17 फरवरी से 19 फरवरी तक चलेगा। एनटीएलएफ के इस वर्ष के आयोजन का विषय 'भविष्य को बेहतर सामान्य की दिशा में आकार देना' है। इस कार्यक्रम में 30 से अधिक देशों के 1,600 प्रतिभागी 30 से अधिक उत्पाद प्रदर्शित करेंगे।
नैसकॉम के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नया भारत प्रगति कि लिए अधीर है। हमारी सरकार नए भारत की इस भावना को समझती है और 130 करोड़ से अधिक भारतीयों की आकांक्षाएं हमें तेज़ी से आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। नई भारत से जुड़ीं अपेक्षाएं जितनी सरकार से हैं, उतनी ही देश के केंद्रीय क्षेत्र से भी हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ये भलीभांति जानती है कि बंधनों में भविष्य की लीडरशिप विकसित नहीं हो सकती है। इसलिए सरकार द्वारा टेक उद्योग को सामान्य नियमों से, बंधनों से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले आप ने सुनिश्चित किया है कि हमारी टेक्नोलॉजी ज्यादा से ज्यादा मेड इन इंडिया हो। अगर हमें भारतीय टेक्नोलॉजी में आगे बढ़ाना है तो इसके लिए हमें अपनी प्रतिस्पर्धा के लिए नए मापदंड बनाने होंगे। हमें अपने आप से प्रतिस्पर्धा करनी होगी।
ऐसा समय है जब दुनिया भारत को पहले से ज्यादा उम्मीद और भरोसे के साथ देख रही है। कोरोना के दौरान हमारे ज्ञान-विज्ञान और हमारी टेक्नोलॉजी ने खुद को साबित किया है। आज हम दुनिया के अनेकों देशों को मेड इन इंडिया वैक्सीन दे रहे हैं। कोरोना के दौरान लाखों नए रोजगार देकर आईटी इंडस्ट्री ने सिद्ध किया है कि वो भारत विकास का मजबूत पिलर क्यों है। उन्होंने कहा कि जब हर सेक्टर कोरोना से प्रभावित था तब भी आपने करीब 2 फीसदी की ग्रोथ हासिल की। जब डी ग्रोथ की आशंका जताई जा रही थी तब भी अगर भारत की आईटी इंडस्ट्री अपने रेवेन्यू में 4 बिलियन डॉलर और जोड़े तो ये सचमुच में प्रशंसनीय है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज 90 फीसदी से ज्यादा लोग अपने घरों से काम कर रहे हैं। कुछ लोग तो अपने गांव से काम कर रहे हैं। यह अपने आप में बड़ी ताकत बनने वाला है। 2 दिन पहले ही एक नीति में सुधार किया गया है, मैप और जियोस्पेटिकल डाटा को कंट्रोल से मुक्त कर इसे उद्योग के लिए खोला गया है।
साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बोले जितना डिजिटल ट्रांजेक्शन ज़्यादा होता जा रहा है उतने ही काले धन के स्रोत कम हो रहे हैं। पारदर्शिता गुड गवर्नेंस की सबसे अहम शर्त होती है। यही बदलाव अब देश की शासन व्यवस्था पर हो रहा है। यही कारण कि हर सर्वे में भारत सरकार पर जनता का भरोसा मजबूत से मजबूत होता जा रहा है।
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