नई दिल्लीः वास्तिवक नियंत्रण रेखा(एलएसी) पर तनाव के बीच और कोरोना काल में 12वां ब्रिक्स सम्मेलन 17 नवंबर को आयोजित होने जा रहा है। इस सम्मेलन में ब्रिटेन, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका के प्रतिनिधि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल होंगे। इस बीच सबकी नजरें पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रीय पति शी जिनपिंग पर टिकी होंगी, क्योंकि एलएसी पर तनाव के बीच यह दोनों की पहली मुलाकात होगी। हालांकि दोनों की ये मुलाकात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी। इस साल के शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के नेताओं की बैठक का विषय "वैश्विक स्थिरता, साझा सुरक्षा और अभिनव विकास के लिए ब्रिक्स की भागीदारी है।
2020 में रूसी ब्रिक्स की अध्यक्षता का मुख्य उद्देश्य, ब्रिक्स देशों के बीच बहुपक्षीय सहयोग के लिए और हमारे लोगों के जीवन स्तर को बढ़ाने में योगदान करने के लिए है। इस साल पांचों देशों ने प्रमुख स्तंभों: शांति और सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और वित्त, सांस्कृतिक और लोगों के बीच आदान-प्रदान पर करीबी रणनीतिक साझेदारी जारी रखी है।रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सलाहकार एंटोन कोबायाकोव ने इस बारे में कहा, "कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के कारण मौजूदा वैश्विक स्थिति के बावजूद, 2020 में रूस की अध्यक्षता में ब्रिक्स की गतिविधियों को एक सुसंगत तरीके से आयोजित किया जा रहा है।
- सीमा सेना तैनात
बता दें कि भारत और चीन की सीमा पर तनाव को कम करने के लिए दोनों देशों की ओर से कोशिशें की जा रही हैं। इस बीच चीन की हर चाल का जवाब देने के लिए भारतीय वायुसेना ने सतर्कता बढ़ा दी है। ऐसे में अगर चीन सेना को पीछे हटाने, बॉर्डर पर सैन्य ताकत ना बढ़ाने के समझौते से पीछे हटता है तो भारत ने उस स्थिति के लिए भी तैयारी कर रखी है। जानकारी के मुताबिक, वायुसेना ने बॉर्डर इलाके में अपनी मुस्तैदी बढ़ाई है। लद्दाख के पास चुमार के हेन्ली इलाके में वायुसेना बड़े स्तर पर तैयारी में जुटी है। इसमें मौजूदा मुश्किलों के साथ ही सर्दियों के लिए सभी तैयारियों को परखा जा रहा है, क्योंकि अभी भी लॉन्ग हॉल की आशंकाएं बनी हुई हैं।
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