नई दिल्ली: यूके की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने COVID-19 वैक्सीन से पूरी दुनिया को उम्मीदें दीं। वर्तमान में दुनिया में जितने भी टीके चल रहे हैं, उनमें से ऑक्सफोर्ड का टीका महत्वपूर्ण माना जाता है। भारत में इस टीके के उत्पादन के लिए सीरम संस्थान को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। अब खबर आई है कि भारत सरकार सीरम संस्थान से वैक्सीन खरीदने जा रही है और इसे लोगों को मुफ्त में दिया जाएगा।
सीरम संस्थान को दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक संगठन कहा जाता है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड के कोरोना वैक्सीन ही नहीं बल्कि कई अन्य वैक्सीन उम्मीदवारों के उत्पादन में लगा हुआ है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोविड-19 वैक्सीन कोविशिल्ड के नाम से भारत में उत्पादित की जाने वाली है।
रिपोर्टों के अनुसार, भारत सरकार ने संकेत दिया है कि वह सीधे सीरम संस्थान से वैक्सीन खरीदने जा रही है। सरकार एक ऐसी योजना बना रही है जिसके माध्यम से लोगों को यह टीका मुफ्त दिया जाएगा। सरकार अगले साल जून तक सीरम इंस्टीट्यूट से 68 करोड़ खुराक की मांग कर रही है। सरकार ने पहले ही इस टीके के परीक्षण को पूरा करने की मंजूरी दे दी है। यदि टीका सफल घोषित किया जाता है, तो राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत लोगों को यह टीका नि: शुल्क प्रदान किया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कंपनी के पास ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन का अधिकार है। सीरम इंस्टीट्यूट के साथ-साथ एस्ट्रेज्नका कंपनी ने इस मामले का दावा और अनुबंध किया है। इस समझौते के तहत सीरम संस्थान न केवल भारत में, बल्कि 92 देशों में टीके की आपूर्ति कर सकता है। Serum Institute पुणे में स्थित हैं। संस्थान का परिसर 150 एकड़ में फैला हुआ है। यहां सैकड़ों कर्मचारी तीव्र गति से टीके बनाने में व्यस्त हैं। वहीं, मौजूदा योजना के तहत अगले 72 दिनों में वैक्सीन को बाजार में उतारा जाएगा।
कोविशिल्ड वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल की पहली खुराक शनिवार को भारत में जारी की जानी है। दूसरी खुराक 29 दिनों के बाद दी जाएगी। परीक्षण का आखिरी डेटा दूसरी खुराक के 15 दिनों के बाद सामने आएगा। इस वैक्सीन का ट्रायल ब्रिटेन में भी किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही ब्रिटेन से भी ट्रायल के आंकड़े दुनिया के सामने आ जाएंगे।
वहीं, कोविड-19 के लिए वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन और गैवी वैक्सीन एलायंस से सीरम इंस्टीट्यूट को 150 मिलियन डॉलर का फंड दिया जाना है। यह फंड भारत सहित अन्य विकासशील देशों को वैक्सीन की आपूर्ति के लिए दिया गया है। गैवी वैक्सीन एलायंस की योजना के तहत एस्ट्राज़ेन्का और नोवावैक्स वैक्सीन की प्रति खुराक कीमत 224 रुपये होगी। कोरोना वैक्सीन 92 देशों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।
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