मनीष कुमार, नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के बीच केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में पराली जलाने के बढ़ते मामले पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाये जाने के कारण दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक रहती है। संयोग से इस दौरान पंजाब और हरियाणा से हवा का बहाव भी दिल्ली की तरफ रहता है। इस बार हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में 25 फीसदी की कमी हुई लेकिन पंजाब में 25 प्रतिशत घटनायें बढ गयी। पंजाब में पराली की घटनाएं 50000 से बढ़कर 75000 हो गई है। पराली जलाने से दिल्ली में दो से 40 प्रतिशत तक वायु प्रदूषण की समस्या होती है।
उन्होंने कहा कि इस साल पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी है। पंजाब में पराली की घटनाएं 50000 से बढ़कर 75000 हो गई है। साथ ही उन्होंने हरियाणा में पराली जलाने के मामले में कमी आने पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं 25 फ़ीसदी तक कम हुई है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह चिंता का विषय है दिल्ली में हर साल पराली के कारण 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक हर साल यह समस्या दिखाई देती है। पराली जलाने की वजह से दिल्ली में प्रदूषण होता है। दिल्ली में प्रदूषण का 2 से 40 फसीदी तक हिस्सा पराली जलाने का होता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के 122 शहरों में वायु प्रदूषण की समस्या को दूर करने के लिए वहां की स्थिति के अनुरुप योजनाएं तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि शहरों में अलग अलग कारणों से वायु प्रदूषण की समस्या है। उद्योग , परिवहन , बायोमास जलाने तथा कई अन्य कारणों से प्रदूषण की समस्या है। दिल्ली में धूल के कारण प्रदूषण की समस्या है जबकि मुंबई या बंगलूरु में पथरीली जमीन के कारण वैसी समस्या नहीं है।
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