रमन झा, नई दिल्ली: कोरोना के कहर के बीच आज से संसद का मानसून सत्र शुरू हो गया है। इस बार संसद का सत्र 18 दिनों तक लगातार चलेगा। संसद का मानसून सत्र आज यानी 14 सितंबर से लेकर 1 अक्टूबर तक चलेगा। इसबार शनिवार और रविवार को भी कोई छुट्टी नहीं होगी। संसद में इसबार शून्यकाल आधे घंटे का होगा और कोई प्रश्नकाल नहीं होगा, हालांकि लिखित प्रश्न पूछे जा सकते हैं और उनका उत्तर मिलेगा। सांसदों के अटेंडेंस के लिए मोबाइल ऐप की व्यवस्था है। सत्र में हिस्सा लेने के दौरान सांसद इस मोबाइल ऐप के जरिए अपनी हाजिरी लगा सकेंगे।
इस बार लोकसभा और राज्यसभा दो पालियों में चलेंगीं। रोजाना सुबह 9 बजे से 1 बजे तक राज्यसभा का सत्र चलेगा। जबकि दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक लोकसभा का सत्र चला करेगा। बीच के 2 घंटे में संसद को सैनिटाइज करने का कार्य होगा।
सरकार की नजर 23 विधेयकों पर चर्चा और इसे पारित कराने पर है। इसमें 11 ऐसे विधेयक भी हैं जो अध्यादेशों का स्थान लेंगे। इनमें से चार विधेयकों का विपक्षी दल विरोध कर सकते हैं। ये चारों विधेयक कृषि क्षेत्र और बैंकिंग नियमन से जुड़े अध्यादेश का स्थान लेंगे। विपक्षी दलों ने महामारी से निपटने, अर्थव्यवस्था की स्थिति और लद्दाख में सीमा पर चीनी आक्रामकता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को घेरने का फैसला किया है।
कोविड-19 के चलते संसद सत्र में भाग लेने वाले सभी सांसदों, लोकसभा और राज्यसभा के कर्मचारियों को RT-PCR कोरोना टेस्ट कराया गया है। इस बार दोनों सदनों में सदन के नेता और विपक्ष के नेता को छोड़कर किसी भी सदस्य के बैठने की सीट तय नहीं की गई है। सदन में प्रवेश करने वाले सभी लोगों के शरीर के तापमान को जांचने के लिए थर्मल गन और थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा परिसर की स्वच्छता के लिए उचित उपाय किए जाएंगे।
कोरोना संकट के कारण इस बार संसद के सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) भी नहीं बुलाई गई। पिछले 20 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ था. किसी भी सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक की एक परंपरा रही है। आपको बता दें कि संसद सत्र के शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती है। इसमें संसद का अजेंडा और टारगेट तय किए जाते हैं। लेकिन इसबार ऐसा नहीं हो पाया।
निचले सदन के सदस्यों के बैठने की व्यवस्था के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने कहा कि 257 सांसदों को सदन के मुख्य रूम में और 172 सांसदों को आगंतुकों की गैलरी (Visitors’ Gallery) में बैठाया जाएगा। इसके अलावा लोकसभा के 60 सदस्य राज्यसभा के मुख्य कक्ष में बैठेंगे और इसके अलावा 51 सदस्य उच्च सदन (राज्यसभा) की गैलरी में बैठेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्यसभा कक्ष में बैठने वाले सदस्य लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेंगे और कार्यवाही ठीक से चलाने के लिए LED स्क्रीन लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि कार्यवाही में भाग लेने वाले सदस्यों की उपस्थिति मोबाइल के जरिए की जाएगी।
सत्र में बदली होंगी व्यवस्थाएं...
– कागज का कम से कम उपयोग किया जाएगा।
– सांसद अपनी उपस्थिति डिजिटल माध्यम से दर्ज कराएंगे।
– कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिये स्क्रीन एलईडी लगाया गया है।
– चैम्बरों को कीटाणुमुक्त बनाया जाएगा।
– सांसदों को सत्र शुरू होने से पहले कोविड-19 के लिए आरटी-पीसीआर जांच करना होगा।
– लोकसभा के हॉल में 257 सदस्य बैठेंगे, जबकि लोकसभा गैलरी में 172 सदस्य बैठेंगे।
– राज्यसभा में 60 सदस्य और राज्यसभा गैलरी में 51 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है।
– कोरोना के कारण सोशल डिस्टेसिंग का कड़ाई से पालन होगा।
– न्यूज एजेंसी के पत्रकारों को नियमित एंट्री मिलेगी।
– लेकिन अन्य मीडिया संस्थानों के पत्रकारों को रोटेशन के आधार पर कवरेज के लिए एंट्री मिलेगी।
– – कोरोना के खतरे को देखते हुए सेंट्रल हाल का पास होने के बावजूद पत्रकार वहां तक नहीं जा सकेंगे।
– संसद भवन परिसर में मौजूद कैंटीन में पहले की तरह भोजन नहीं उपलब्ध होगा।
– कैंटीन की जगह आवश्यकता के अनुरूप पैक्ड भोजन उपलब्ध होगा।
– सांसदों के ड्राइवर, निजी सचिव आदि बाहर ही रहेंगे।
– संसद सत्र के संचालन के दौरान बीच-बीच में सांसदों का कोरोना टेस्ट होता रहेगा।
– स्वास्थ्य मंत्रालय की सभी तरह की गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन होगा।
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