नई दिल्लीः पहाड़ों में बर्फबारी के चलते भले ही उत्तर प्रदेश का पारा नीचे लुढ़कता जा रहा है, लेकिन पंचायत चुनाव के चलते राज्य में सियासी तापमान दिन व दिन चढ़ता जा रहा है। अभी ग्राम पंचायत के लोगों को आरक्षण सूची का इंतजार हैं, लेकिन सीट कौन से आरक्षण में होगी उम्मीदें लगाकर दावेदारों ने जोर शोर से तैयारियां शुरू कर दी हैं। गांव की गली-मोहल्ले और चौराहों पर चुनाव की चर्चा तेजी से चल रही है। मतदाता सूची का काम भी फाइनल हो गया है।
शनिवार को निर्वाचन आयोग ने फाइनल मतदाता सूची जारी कर दी है। यूपी पंचायत चुनाव के मद्देनजर जारी की गई वोटर लिस्ट में 12 करोड़ 27 लाख 99 हजार 686 मतदाता हैं। प्रदेश में पिछले पांच सालों में वोटरों की संख्या में इजाफा हुआ है। पिछले 5 सालों में 84 लाख वोटर्स बढ़े हैं। निर्वाचन आयोग की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार 25 जनवरी को मतदाता दिवस का आयोजन किया जाएगा।
इस दौरान ई-वोटर आईडी की शुरुआत की जाएगी. पहले चरण में 25 से 31 जनवरी तक मतदाताओं को ई-पिक डाउनलोड करने की सुविधा मिलेगी। वहीं, 1 फरवरी से सभी मतदाताओं को ई-पिक डाउनलोड की सुविधा मिलेगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश में पहली बार पंचायत चुनाव में राजनीतिक दल बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं।
सत्ताधारी बीजेपी से लेकर कांग्रेस, सपा, बसपा, अपना दल, आम आदमी पार्टी और एआईएमाआइएम सहित तमाम विपक्षी पार्टियां शामिल हैं. यही वजह है कि गांवों में पार्टी नेता आते-जाते नजर आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के कुल 59,163 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को पूरा हो गया। 3 जनवरी 2021 को जिला पंचायत अध्यक्ष जबकि 17 मार्च को क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो गया। ऐसे में प्रदेश में एक साथ ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, 823 ब्लॉक के क्षेत्र पंचायत सदस्य और 75 जिले पंचायत के सदस्यों के 3200 पदों पर चुनाव कराए जाने हैं।
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